बदायूं (Badaun) से पांच बार सांसद रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सलीम इकबाल शेरवानी( Saleem Iqbal Shervani )ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। स्वामी प्रसाद मौर्य के बाद वो दूसरे महासचिव हैं, जिन्होंने अपने पद से इस्तीफा दिया है। फिलहाल वह कहां और किस दल में शामिल होंगे, यह खुलकर नहीं बता रहे हैं।
अपने इस्तीफे को लेकर अखिलेश यादव को लिखे गए पत्र में उन्होंने मुसलमानों की उपेक्षा का आरोप लगाया और कहा कि सपा मुसलमानों का भरोसा खो रही है।
सलीम इकबाल शेरवानी( Saleem Iqbal Shervani ) ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को चिट्ठी लिखी है जिसमें उन्होंने कहा है कि पार्टी में मुसलमानों की उपेक्षा से परेशान होकर महासचिव पद से इस्तीफा दे रहा हूं. जल्द ही भविष्य को लेकर फैसला लूंगा।
उन्होंने कहा कि मुसलमान लगातार उपेक्षित महसूस कर रहा है राज्यसभा के चुनाव में भी किसी मुसलमान को नहीं भेजा गया। बेशक मेरे नाम पर विचार नहीं होता लेकिन किसी मुसलमान को भी यह सीट मिलनी चाहिए थी। मुसलमान एक सच्चे रहनुमा की तलाश में हैं। मुझे लगता है सपा में रहते हुए मैं मुसलमान की हालत में बहुत परिवर्तन नहीं ला सकता।
सलीम इकबाल शेरवानी ( Saleem Iqbal Shervani )ने आरोप लगाया है कि जिस तरह से अपने पीडीए का नाम लिया लेकिन राज्यसभा में उम्मीदवारों की लिस्ट को देखकर लगता है कि आप खुद ही पीडीए को कोई महत्व नहीं देते।
सलीम इकबाल शेरवानी बदायूं ( Saleem Iqbal Shervani )से पांच बार सांसद रह चुके हैं। वह 1996 से 1997 तक केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री और 1997 से 1998 तक प्रधानमंत्री आईके गुजराल के नेतृत्व वाली सरकार में केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री थे। बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद सलीम शेरवानी कांग्रेस छोड़कर समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए थे। हालांकि 2009 में उत्तर प्रदेश में भारतीय आम चुनाव में, मुलायम सिंह यादव के भतीजे धर्मेंद्र यादव को समायोजित करने के लिए समाजवादी पार्टी ने उन्हें टिकट देने से इंकार कर दिया। इसके बाद शेरवानी फिर कांग्रेस में शामिल हो गए। जबकि पिछले दिनों वह पुनः सपा में शामिल हो गए।