उत्तराखंड ( Uttarakhand) में बुधवार को भी पहाड़ों पर भारी बर्फबारी( Heavy Snowfall ) का क्रम जारी रह सकता है। निचले इलाकों में गरज-चमक के साथ ओलावृष्टि का येलो अलर्ट जारी किया गया है।बदरीनाथ-केदारनाथ में तीसरे दिन भी बर्फबारी का सिलसिला जारी रहा। दोनों धामों में जहां तीन फीट ताजी बर्फ जम चुकी है वहीं धामों की पहाड़ियों ने सफेद चादर ओढ़ी हुई है।
तीन दिनों से चमोली जिले का मौसम बदला हुआ है। ऊपरी क्षेत्रों में जहां बर्फबारी ( Snowfall )हो रही है वहीं निचले इलाकों में बारिश होने से कड़ाके की ठंड पड़ रही है। नीती घाटी, फूलों की घाटी, हेमकुंड साहिब, निजमुला घाटी, रुद्रनाथ, लाल माटी, नंदा घुंघटी, औली, गोरसों बुग्याल सहित अन्य जगहों पर जमकर बर्फबारी हो रही है।
बदरीनाथ धाम में तो तीन दिनों से रुक-रुककर बर्फबारी का दौर जारी है। धाम में इस समय आईटीबीपी, पुलिस व बीकेटीसी के कर्मचारी ही मौजूद हैं। वहीं गोपेश्वर, नंदानगर, पीपलकोटी, जोशीमठ सहित आसपास के क्षेत्रों में देर शाम बारिश हुई।नंदानगर के ऊंचाई वाले क्षेत्र सुतोल, कनोल, पर्यटन ग्राम रामणी, पडेरगांव, घूनी आदि गांवों में हल्की बर्फबारी हुई। निजमुला घाटी के पाणा, ईराणी और झींझी गांव में भी हल्की बर्फबारी हुई।
तीन दिनों से केदारनाथ में भारी बर्फबारी( Heavy Snowfall ) हुई और तीन फीट तक ताजी बर्फ जमी। अभी धाम में करीब छह फीट तक बर्फ है। वहीं द्वितीय केदार मद्महेश्वर, तृतीय केदार तुंगनाथ, चंद्रशिला सहित अन्य ऊंचाई वाले स्थानों पर भी बर्फ गिरी। वहीं निचले क्षेत्रों में बूंदाबांदी हुई।
भारी बर्फबारी( Heavy Snowfall ) के कारण हनुमान चट्टी से आगे बंद हुआ बदरीनाथ हाईवे दूसरे दिन भी नहीं खुल पाया। वहीं मंडल चोपता हाईवे मंगलवार शाम खोल दिया गया था, लेकिन रात को फिर बर्फबारी होने से बंद हो गया है। वहीं जोशीमठ-मलारी हाईवे मलारी से आगे बंद है जिससे सेना के वाहनों की आवाजाही ठप पड़ी हुई है।
पिथौरागढ़ में ऊंची हिमालयी क्षेत्र में इस साल की तीसरी बर्फबारी हुई है। धारचूला के व्यास घाटी के 10,500 फुट की ऊंचाई पर स्थित गुंजी में भारी बर्फबारी हुई है। यहां 2 इंच से ज्यादा बर्फबारी हो चुकी है।