पश्चिम बंगाल ( West Bengal) की ममता सरकार को संदेशखाली मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने मंगलवार को शाहजहां शेख (Shahjahan Sheikh )का केस सीबीआई को ट्रांसफर करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने ममता सरकार को आरोपी शाहजहां शेख को भी जांच एजेंसी को सौंपने के लिए कहा है। वहीं राज्य सरकार के वकील ने हाईकोर्ट से अपील की कि वे इस आदेश पर 3 दिन की रोक लगा दे, लेकिन कोर्ट ने इससे साफ इनकार कर दिया। इसके बाद राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में जाने का निर्णय किया। शाहजहां को केंद्रीय जांच एजेंसी को सौंप दिया गया।
कलकत्ता हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस टीएस शिवगणनम की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा- पश्चिम बंगाल पुलिस का रवैया पूरी तरह से पक्षपातपूर्ण है। यह देखते हुए कि एक निष्पक्ष और ईमानदार जांच की आवश्यकता है। हमें यह मानने में कोई हिचकिचाहट नहीं है कि राज्य की एजेंसियों से निष्पक्ष जांच का विश्वास नहीं है।
इधर, बंगाल सरकार के वकील ने हाईकोर्ट से अपील की कि वे इस आदेश पर 3 दिन रोक लगा दे, लेकिन हाईकोर्ट ने इससे इनकार कर दिया। इसके बाद राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, जिसे खारिज कर दिया गया।
शाहजहां शेख (Shahjahan Sheikh ) को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम पर हमले के केस में 29 फरवरी को नॉर्थ 24 परगना के मीनाखान इलाके से गिरफ्तार किया गया था। वह 55 दिन से फरार था। फिलहाल वो अभी 10 दिन की पुलिस रिमांड पर है।कलकत्ता हाईकोर्ट ने कहा कि इस केस से जुड़े सभी कागजात तुरंत सीबीआई को सौंप दिए जाएं।

29 फरवरी को गिरफ्तारी के तुरंत बाद शेख शाहजहां के वकील जमानत के लिए हाईकोर्ट पहुंचे थे। कोर्ट ने कहा था- उसे गिरफ्तार ही रहने दो। अगले 10 साल तक ये आदमी आपको बहुत व्यस्त रखेगा। आपको इस केस के अलावा कोई और चीज देखने का मौका नहीं मिलेगा।
उसके खिलाफ 42 केस दर्ज हैं। वो फरार भी था। जो कुछ भी आपको चाहिए, आप 4 मार्च को आइए। हमारे पास उसके लिए कोई सहानुभूति नहीं है। हालांकि 4 मार्च की जगह 5 मार्च को सुनवाई हुई।