चुनाव आयोग में चुनाव आयुक्त (Election Commissioner) अरुण गोयल ने इस्तीफा दे दिया है। शनिवार 9 मार्च को जारी गजट नोटिफिकेशन में इसके बारे में जानकारी दी गई। गोयल का इस्तीफा उस वक्त आया है, जब कुछ दिनों में लोकसभा चुनाव का ऐलान होने वाला है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है।हालांकि उनके इस्तीफे की वजह अभी सामने नहीं आई है।
सरकार ने अधिसूचना में बताया कि मुख्य चुनाव आयुक्त( Chief Election Commissioner ) और अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, सेवा की शर्तें और कार्यालय की अवधि) अधिनियम, 2023 की धारा 11 के खंड (1) के तहत मिले अधिकारों को उपयोग करते हुए राष्ट्रपति को अरुण गोयल का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है जो तत्काल प्रभावी भी हो गया है। इससे पहले, चुनाव आयुक्त अनूप पांडे फरवरी में सेवानिवृत्त हो गए थे। कयास लगाए जा रहे हैं कि गोयल के इस्तीफे से चुनाव की तिथियों पर असर पड़ सकता है।
अरुण गोयल के इस कदम के बाद अब चुनाव आयोग में दो रिक्तियां हो गई हैं। 1985 बैच के आईएएस अधिकारी अरुण गोयल ने 21 नवंबर, 2022 को चुनाव आयुक्त का प्रभार ग्रहण किया था। वह भारी उद्योग मंत्रालय में सचिव के पद पर भी रह चुके हैं। उनका कार्यकाल दिसंबर, 2027 तक था। वह अगले साल मुख्य चुनाव आयुक्त के सेवानिवृत्त होने के बाद उनकी जगह लेने वाले थे।
गौरतलब है कि अरुण गोयल की नियुक्ति विवादों से घिरी रही है। उन्होंने 18 नवंबर, 2022 को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली थी। उसके अगले दिन ही उन्हें चुनाव आयुक्त नियुक्त कर दिया गया था। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर गोयल की नियुक्त को चुनौती दी थी। याचिका में उनकी नियुक्ति को मनमाना संविधान के अनुच्छेद 14 के साथ ही चुनाव आयोग (चुनाव आयुक्तों की सेवा की शर्तें और व्यापार के लेन-देन) अधिनियम, 1991 के खिलाफ बताया गया था। शीर्ष अदालत की दो सदस्यीय पीठ ने पिछले साल याचिका खारिज कर दी और कहा कि संविधान पीठ ने मामले की समीक्षा की और गोयल की नियुक्ति को रद्द करने से इनकार कर दिया था।