मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल ( Jet Airways founder Naresh Goyal ) को बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court ) ने अंतरिम जमानत दी है। हाईकोर्ट ने सोमवार को गोयल को मेडिकल आधार पर 2 महीने की अंतरिम जमानत दी है। नरेश गोयल ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले मेडिकल आधार पर जमानत देने के अनुरोध के साथ हाईकोर्ट का रुख किया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह और उनकी पत्नी, दोनों ही अंतिम चरण में पहुंच चुके कैंसर से जूझ रहे हैं। वे 8 महीने बाद मुंबई की ऑर्थर रोड जेल से बाहर आएंगे। नरेश को 1 सितंबर 2023 को गिरफ्तार किया गया था।
उद्योगपति नरेश गोयल ( Naresh Goyal ) की याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने 3 मई को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इससे पहले, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गोयल की मेडिकल के आधार पर मांगी गई अंतरिम जमानत का विरोध किया था। साथ ही कहा था कि प्राइवेट अस्पताल में उनका रहना एक महीने के लिए बढ़ाया जा सकता है।
रिलायंस अस्पताल में भर्ती गोयल को एक लाख रुपए का मुचलका भरने को कहा गया है। गोयल कोर्ट की अनुमति के बिना मुंबई से बाहर नहीं जा सकेंगे।
उल्लेखनीय है कि ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में और केनरा बैंक द्वारा कर्ज के रूप में जेट एयरवेज को दिए गए 538.62 करोड़ रुपये में धांधली करने के आरोप में नरेश गोयल ( Naresh Goyal ) को सितंबर, 2023 में गिरफ्तार किया था। प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ओर से इस मामले में आरोपपत्र दाखिल करने पर गोयल की पत्नी अनीता गोयल को नवंबर, 2023 में गिरफ्तार किया गया था।

नरेश गोयल ( Naresh Goyal ) ने 1993 में जेट एयरवेज की स्थापना की थी। अप्रैल 2019 एयरलाइन बंद हो गई थी। मई, 2019 में एयरलाइन चेयरमैन पद छोड़ दिया था। तीन साल बाद 2021 में जेट एयरवेज पर केनरा बैंक का 538.62 करोड़ रुपए का लोन बकाया था। एयरवेज ने 848.86 करोड़ रुपए की क्रेडिट लिमिट और लोन लिया था।
केनरा बैंक ने आरोप लगाया था कि जेट एयरवेज की फोरेंसिक ऑडिट में पाया गया कि जेट ने अपने से जुड़ी कंपनियों यानी ‘रिलेटेड कंपनियों’ को 1,410.41 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए। ऐसा कंपनी के अकाउंट से पैसा निकालने के लिए किया गया। गोयल परिवार पर आरोप है कि इन्होंने पर्सनल खर्च- जैसे स्टाफ की सैलरी, फोन बिल और व्हीकल एक्सपेंस, सब जेट एयरवेज से ही होते थे।