भगवान आशुतोष के द्वादश ज्योतिर्लिंगों में 11वें केदारनाथ धाम (Kedarnath Dham ) के कपाट शुभ मुहूर्त में शुक्रवार सुबह से खोल दिए गए। इस दौरान हेलिकॉप्टर से पुष्प वर्षा की गई।अब छह माह तक बाबा के भक्त धाम में ही आराध्य के दर्शन एवं पूजा-अर्चना कर सकेंगे।जिसके बाद चार धाम यात्रा का शुभारंभ हो गया।
भगवान केदारनाथ मंदिर (Kedarnath Temple ) को 20 क्विंटल फूलों से सजाया गया है। वहीं, बृहस्पतिवार को भगवान केदारनाथ की पंचमुखी डोली भक्तों के जयकारों के बीच अपने धाम पहुंची। विधि विधान के साथ बाबा की डोली को मंदिर के समीप विराजमान किया गया है। साथ ही अन्य धार्मिक परंपराओं का निर्वहन किया गया है।कल देर शाम तक 16 हजार से अधिक श्रद्धालु भी पहले दिन बाबा केदार के दर्शन के लिए केदारपुरी पहुंच गए थे।
हर-हर महादेव के जयकारों के साथ शुक्रवार को आज प्रात: 6 बजकर 26 मिनट पर जय केदार के जयकारों के बीच भगवान केदारनाथ मंदिर (Kedarnath Temple ) के कपाट भक्तों के दर्शनार्थ खुल गए। बाबा की पंचमुखी मूर्ति केदार मंदिर में विराजमान हुई। विधिविधान और धार्मिक परंपराओं के तहत भगवान केदारनाथ के कपाट खोले गए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उनकी पत्नी गीता धामी ने पूजा-अर्चना कर बाबा केदार का आशीर्वाद लिया।केदारनाथ के अलावा गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट भी आज ही खुलेंगे। जबकि बद्रीनाथ मंदिर में दर्शन 12 मई से होंगे।
केदारनाथ-बद्रीनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजयेंद्र अजय के मुताबिक 9 मई की अपराह्न 3 बजे जब बाबा के पंचमुखी डोली केदारधाम पहुंची, उस वक्त बाबा केदार की डोली के साथ हजारों श्रद्धालुओं भी केदारपुरी पहुंच गए। ।केदारनाथ की पंचमुखी उत्सव डोली गौरीकुंड से प्रस्थान कर रात्रि प्रवास के लिए केदारनाथ धाम पहुंची। गत छह मई को शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ से केदार बाबा की चल विग्रह डोली केदारपुरी के लिए रवाना हुई थी।

प्रथम पड़ाव के लिए गुप्तकाशी, दूसरे पड़ाव के लिए फाटा एवं तीसरे पड़ाव रविवार को गौरीकुंड पहुंची थी। गुरुवार को मुख्य पुजारी शिवशंकर लिंग ने केदार बाबा की पंचमुखी डोली की विशेष पूजा अर्चना कर भोग लगया।भीमबली, जंगलचट्टी, लिनचोली होते हुए दोपहर बाबा केदारनाथ धाम पहुंची। जहां मंदिर समिति के कर्मचारी एवं प्रशासन अधिकारियों ने जोरदार स्वागत किया। कपाट खोलने को लेकर बद्री-केदार मंदिर समिति ने सभी तैयारियां पूरी कर ली थीं।
सबसे पहले पुजारियों व वेदपाठियों ने गर्भगृह में साफ सफाई की और भोग लगाया। इसके बाद मंदिर के अंदर पूजा अर्चना की गई। इस दौरान केदारनाथ धाम के रावल भीमाशंकर लिंग और।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami ) सहित बीकेटीसी के सदस्य भी मौजूद रहे।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भगवान केदारनाथ के कपाट खोले जाने पर सभी श्रद्धालुओं को बधाई देते हुए कहा कि बाबा केदार हम सभी पर अपनी कृपा बनाकर रखें। केदारनाथ मंदिर (Kedarnath Temple ) मंदाकिनी व सरस्वती नदी के संगम पर स्थित है।
केदारनाथ मंदिर को बदरी केदार मंदिर समिति द्वारा भव्य रूप से सजाया गया है। वहीं कपाट खुलने के बादभारी संख्या में भक्त धाम पहुंच रहे हैं। शीतकाल के छह महीनों तक पंचकेदारों के गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में विश्राम करने के बाद शुक्रवार को केदारनाथ धाम के कपाट सुबह सात बजे देश विदेश के भक्तों के दर्शनार्थ खोल दिए गए।
पिछले साल रिकॉर्ड 55 लाख लोग पहुंचने से व्यवस्थाएं गड़बड़ा गई थीं। इसी से सबक लेते हुए उत्तराखंड पुलिस और पर्यटन विभाग ने पहली बार चार धाम यात्रा में श्रद्धालुओं की प्रतिदिन की संख्या सीमित कर दी है। पिछले साल चारों धामों में रोजाना 60 हजार से अधिक तीर्थयात्री दर्शन के लिए पहुंचे रहे थे।
पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे के मुताबिक एक दिन में 15 हजार श्रद्धालु केदारनाथ धाम, 16 हजार लोग बद्रीनाथ धाम, 9 हजार श्रद्धालु यमुनोत्री तो 11 हजार लोग गंगोत्री में दर्शन कर सकेंगे। यानी चारों धाम में रोजाना 51 हजार लोग दर्शन करेंगे।
उत्तराखंड में चार धाम यात्रा 10 मई से शुरू हो गयी है इसके लिए अब तक 22 लाख से ज्यादा श्रद्धालु रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। पिछले साल रिकॉर्ड 55 लाख लोग पहुंचे थे, इसलिए कई बार व्यवस्थाएं गड़बड़ा गई थीं। इसी से सबक लेते हुए उत्तराखंड पुलिस और पर्यटन विभाग ने पहली बार चार धाम यात्रा में श्रद्धालुओं की प्रतिदिन की संख्या सीमित कर दी है।
पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे के मुताबिक एक दिन में 15 हजार श्रद्धालु केदारनाथ धाम, 16 हजार लोग बद्रीनाथ धाम, 9 हजार श्रद्धालु यमुनोत्री तो 11 हजार लोग गंगोत्री में दर्शन कर सकेंगे। यानी चारों धाम में रोजाना 51 हजार लोग दर्शन करेंगे। पिछले साल रोजाना 60 हजार से अधिक तीर्थयात्री दर्शन के लिए पहुंचे रहे थे।
ऋषिकेश के बाद यात्रियों को रोकने के लिए बैरियर कस्बे तय किए हैं। अगर कोई बद्रीनाथ जाना चाहता है तो उन्हें सबसे पहले श्रीनगर में रोका जाएगा। अगर दिन के 15 हजार की संख्या पूरी हो गई है तो श्रद्धालुओं को यहीं रात बितानी होगी। अगले दिन रुद्रप्रयाग, फिर चमोली, पीपलकोटी और जोशीमठ में यही प्रक्रिया रहेगी यानी जब नंबर आएगा, तभी आगे बढ़ सकेंगे। केदारनाथ धाम के श्रद्धालु भी श्रीनगर, रुद्रप्रयाग, ऊखीमठ, गौरीकुंड में रोककर ही आगे बढ़ाए जाएंगे।
To chants of ‘Har Har Mahadev’ and hymns, Kedarnath Dham opens after six months
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— ANI Digital (@ani_digital) May 10, 2024