जम्मू-कश्मीर ( Jammu and Kashmir) के श्रीनगर (Srinagar ) में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच श्रीनगर में नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला और पार्टी के उपाध्यक्ष के उमर अब्दुल्ला ने मतदान किया। उमर अब्दुल्ला के दोनों बेटे जहीर और जमीर ने भी मतदान किया। बताया जा रहा है कि जहीर और जमीर ने पहली बार अपने मत का प्रयोग किया।
श्रीनगर (Srinagar ) में मतदान के बाद फारूक और उमर अब्दुल्ला ने घाटी के लोगों से बढ़चढ़ कर वोट के अधिकार का प्रयोग करने की अपील की। उमर ने कहा, ‘हम केवल वोटों के माध्यम से अपनी आवाज उठा सकते हैं। उन्होंने युवाओं और पहली बार मतदान करने वाले मतदाताओं से मतदान केंद्रों पर पहुंचने और अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग करने की अपील की, ताकि उनकी आवाज एक फैसले में बदल सके।
जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर(Srinagar ) लोकसभा क्षेत्र में सोमवार सुबह सात बजे से वोटिंग शुरू हो चुकी है। श्रीनगर शहर के पुराने शहर क्षेत्र सहित कई मतदान केंद्रों पर लोगों की लंबी कतारें लगी हैं। आसमान में बादल छाए रहने के बावजूद पुलवामा, कंगन, गांदरबल, बडगाम और पंपोर इलाकों में बड़ी संख्या में मतदाता वोट डालने के लिए निकले हैं। वर्ष 1987 के बाद कश्मीर में यह पहला चुनाव है जब अलगाववादियों ने चुनाव बहिष्कार का आह्वान नहीं किया है। यहां तक कि घाटी में अलगाववादी भावनाओं का केंद्र माने जाने वाले श्रीनगर के पुराने शहर इलाके में भी मतदाता बिना किसी डर के वोट डालने के लिए निकले हैं। वहीं आर्टिकल 370 हटने के बाद यह पहला चुनाव है। बीजेपी ने तीनों लोकसभा में से किसी भी सीट पर प्रत्याशी नहीं उतारा है।
श्रीनगर (Srinagar ) से पीडीपी उम्मीदवार वाहिद उर रहमान पर्रा ने अपनी पार्टी की लाइन से हटकर बड़ा बयान दिया है। सोमवार में पुलवामा में मतदान करने के बाद पर्रा ने मीडिया से रूबरू होते हुए एक सवाल के जवाब में कहा कि पिछले पांच वर्षों में जम्मू कश्मीर में हिंसा में काफी कमी आई है।
पर्रा ने घाटी में आतंकवाद की घटनाओं में कमी आई है। पिछले पांच वर्षों में सरकार और प्रशासन ने लोगों को अपने मताधिकार का प्रयोग करने में सक्षम बनाकर उनका विश्वास बहाल करने में प्रमुख भूमिका निभाई है।’ इस दौरान उन्होंने लोगों से अधिक से अधिक संख्या में वोट करने की अपील की।
श्रीनगर (Srinagar ) लोकसभा क्षेत्र में मतदान के पहले चार घंटों में ही 2019 के कुल मतदान प्रतिशत का रिकॉर्ड टूट गया। श्रीनगर सीट पर सुबह 11 बजे तक 14.94% मतदान हुआ। जबकि, 2019 में श्रीनगर लोकसभा सीट पर कुल मतदान लगभग 14.43 प्रतिशत रहा था। वहीं, 2014 में 25.86 फीसदी वोटिंग हुई थी। तीन बजे के मतदान के बाद यह रिकॉर्ड भी टूट गया। श्रीनगर में तीन बजे तक 29.93 प्रतिशत वोटिंग हुई है। वहीं, पांच बजे तक 35.75% मतदान हुआ। इस बार बिना किसी डर के वोटिंग हुई है।
जम्मू-कश्मीर वक्फ बोर्ड की चेयरपर्सन और भाजपा नेता डॉ दरख्शां अंद्राबी ने कहा कि घाटी में लंबे समय के बाद लोगों ने बिना किसी डर के वोट डाला है। उन्होंने कहा कि पहले लोगों में इतना डर होता था कि वे वोट डालने के लिए बाहर नहीं आ पाते थे, लेकिन इस बार लोग मतदान करने के लिए घरों से बाहर निकले। यह बदलाव है।
आतंकवाद और पथराव के लिए के लिए कुख्यात पुलवामा में अब फीजा बदल गई है। इस दक्षिण कश्मीर जिले में मतदान केंद्रों के द्वार पर उत्साही मतदाताओं की भीड़ देखी जा रही है। हर पोलिंग स्टेशन पर मतदाताओं की लंबी कतारें देखने को मिल रही हैं। एक मतदाता ने कहा कि मतदान एक शक्तिशाली हथियार है, जिससे अपने और देश के भविष्य का फैसला किया जा सकता है।