ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी( Iranian President Ebrahim Raisi) को ले जा रहे हेलीकॉप्टर के क्रैश होने की खबर ने दुनियाभर में हलचल मचा दी। राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी का हेलिकॉप्टर क्रैश में निधन हो गया है। वे 63 साल के थे। ईरान की सरकारी न्यूज एजेंसी IRNA ने सोमवार सुबह यह जानकारी दी। अजरबैजान से लौटते समय उनका हेलिकॉप्टर रविवार शाम करीब 7 बजे लापता हो गया था। इसमें रईसी, विदेश मंत्री होसैन अमीराब्दुल्लाहियन समेत 9 लोग सवार थे। हादसे में सभी मारे गए।ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामेनेई ने मोहम्मद मोखबर को अंतरिम राष्ट्रपति के रूप में मंजूरी दे दी है।
हेलिकॉप्टर अजरबैजान की सीमा के करीब ईरान के वरजेघन शहर के पास क्रैश हुआ। यह पहाड़ी इलाका है। रेस्क्यू एजेंसियों ने भारी बारिश, कोहरे और तेज सर्दी के बीच वहां रातभर सर्च ऑपरेशन चलाया। इस दौरान तीन बचावकर्मी भी लापता हो गए। सोमवार सुबह अजरबैजान की पहाड़ियों में हेलिकॉप्टर का मलबा नजर आया।
ईरानी स्टेट मीडिया IRNA के मुताबिक रईसी 19 मई की सुबह अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव के साथ एक बांध का उद्घाटन करने गए थे। इसे ईरान और अजरबैजान ने मिलकर बनाया है। राष्ट्रपति रईसी( Iranian President Ebrahim Raisi) की आखिरी तस्वीरें भी उस कार्यक्रम और वहां से लौटते समय हेलिकॉप्टर में सवार होने की हैं।
लौटते समय उनके साथ उनके हेलिकॉप्टर में विदेश मंत्री होसैन, पूर्वी अजरबैजान प्रांत के गवर्नर मलिक रहमती, तबरीज के इमाम मोहम्मद अली अलेहाशेम सवार थे। वहीं हेलिकॉप्टर के पायलट और को-पायलट के साथ क्रू चीफ, हेड ऑफ सिक्योरिटी और बॉडीगार्ड भी इसमें मौजूद थे।
बता दें कि राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ( Iranian President Ebrahim Raisi)के साथ ईरान के विदेश मंत्री होसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन की भी मौत हो गई है। घने कोहरे के बीच पहाड़ी को पार करते हुए यह हादसा हुआ। बता दें कि ईरानी राष्ट्रपति के काफिले में तीन हेलीकॉप्टर शामिल थे। इनमें से 2 हेलीकॉप्टर सुरक्षित तरीके से निश्चित स्थान पर पहुंच गए। लेकिन जैसे ही अधिकारियों का संपर्क रईसी के हेलीकॉप्टर से टूटा तो सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया गया।
प्रधानमंत्री मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की मौत पर शोक जताया है। मोदी ने कहा कि भारत इस दुख की घड़ी में ईरान के साथ हमेशा की तरह खड़ा है।
ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ( Iranian President Ebrahim Raisi)का जन्म 1960 में उत्तरी पूर्वी ईरान के मशहद शहर में हुआ था। रईसी के पिता एक मौलवी थे, लेकिन रईसी जब सिर्फ पांच साल के थे, तभी उनके पिता का निधन हो गया थ। रईसी की शुरुआत से ही धर्म और राजनीति की ओर झुकाव रहा और वो छात्र जीवन में ही मोहम्मद रेजा शाह के खिलाफ सड़कों पर उतर गए। रेजा शाह को पश्चिमी देशों को समर्थक माना जाता था।
पूर्वी ईरान के मशहद शहर में शिया मुसलमानों के लिए सबसे पवित्र मानी जाने वाली मस्जिद भी है। वे कम उम्र में ही ऊंचे ओहदे पर पहुंच गए थे। अपने पिता के पदचिह्नों पर चलते हुए उन्होंने 15 साल की उम्र से ही कोम शहर में स्थित एक शिया संस्थान में पढ़ाई शुरू कर दी थी। अपने छात्र जीवन में उन्होंने पश्चिमी देशों से समर्थित मोहम्मद रेजा शाह के खिलाफ प्रदर्शनों में हिस्सा लिया था। बाद में अयातोल्ला रुहोल्ला खुमैनी ने इस्लामिक क्रांति के जारिए साल 1979 में शाह को सत्ता से बेदखल कर दिया था।
Footage shows the crash site of the presidential copter in northwest of Iran pic.twitter.com/FaxgrFLn0a
— Press TV 🔻 (@PressTV) May 20, 2024