Sunday, April 20, 2025

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Uttar Pradesh :मेरठ से सपा विधायक रफीक अंसारी लखनऊ से गिरफ्तार, इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद एक्शन 

Samajwadi Party MLA from Meerut Rafiq Ansari arrested from Lucknow, action after order of Allahabad High Court

इलाहाबाद हाईकोर्ट से गैर जमानती वारंट के मामले में   शहर से   (  )  के विधायक रफीक अंसारी(MLA Rafiq Ansari) को लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया गया है। एसएसपी ने सीओ सिविल लाइन के नेतृत्व में उनकी गिरफ्तारी के लिए टीम गठित कर दी थी।

मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, एमपी- एमएलए मेरठ की अदालत से आईपीसी की धारा 147, 436 और 427 के तहत विचाराधीन आपराधिक मुकदमे में विधायक रफीक अंसारी (MLA Rafiq Ansari)के खिलाफ जारी वारंट को चुनौती दी गई थी। मुकदमे में सितंबर 1995 में 35-40 अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

22 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र प्रस्तुत किया गया। उसके बाद याची के खिलाफ एक पूरक आरोप पत्र प्रस्तुत किया गया, जिस पर संबंधित अदालत ने अगस्त 1997 में संज्ञान लिया था। रफीक अंसारी अदालत में पेश नहीं हुए थे।12 दिसंबर 1997 को गैर-जमानती वारंट जारी हो गया था। इसके बाद बार-बार 101 गैर-जमानती वारंट जारी हो गए। धारा 82 सीआरपीसी के तहत कुर्की प्रक्रिया के बावजूद रफीक अंसारी अदालत में पेश नहीं हुए और हाईकोर्ट चले गए।

उनके वकील ने तर्क दिया था कि 22 आरोपियों को 15 मई 1997 के फैसले में बरी कर दिया गया। ऐसे में विधायक के खिलाफ कार्रवाई रद होनी चाहिए। कोर्ट ने इस मामले में डीजीपी को निर्देश दिए थे कि रफीक अंसारी के खिलाफ ट्रायल कोर्ट द्वारा जारी किए गए गैर- जमानती वारंट की तामील सुनिश्चित करें।लखनऊ से मेरठ लौटते वक्त बाराबंकी में उनकी गिरफ्तारी हुई। रफीक (MLA Rafiq Ansari) 7 दिन से अंडरग्राउंड थे। पुलिस की 3 टीमें उनकी तलाश में छापेमारी कर रही थीं।

विधायक रफीक अंसारी (MLA Rafiq Ansari) के वकील अमित दीक्षित ने बताया- मेरठ में 1995 में कुछ कमेला और मीट की दुकानों में आगजनी हुई थी। उस मामले में थाना नौचंदी में मुकदमा दर्ज किया गया। तब उसमें रफीक का नाम नहीं था। बाद में पुलिस जांच में रफीक का नाम सामने आया और उनका नाम भी मुकदमे में शामिल किया गया। चार्जशीट लगाने के बाद भी रफीक अंसारी को इसकी कोई जानकारी नहीं दी गई, न ही उनके साइन हुए। इसके बाद कोर्ट में प्रोसीडिंग होती रही और मामला पेंडिंग रहा।

इसके बाद राज्य सरकार की पॉलिसी बदल गई और सेंट्रल गवर्नमेंट की MP/MLA स्पेशल कोर्ट बन गई। यह मुकदमा भी उसी कोर्ट में चला गया। हमने एंटीसिपेटरी बेल के लिए अप्लाई किया था, लेकिन सेशन कोर्ट से याचिका खारिज हो गई।

इस मामले में कुछ आरोपी बरी हो चुके थे। इसके बाद हम हाईकोर्ट चले गए और मुकदमा खत्म करने की अपील की। हाईकोर्ट ने कहा, मामले को खत्म नहीं करेंगे। इतने लंबे समय से वारंट चल रहे हैं। हाईकोर्ट ने यह भी कहा, जब विधायक सदन में लगातार जा रहे हैं। अपने प्रोग्राम लगा रहे हैं, हर जगह उपस्थित होते हैं लेकिन कोर्ट में पेश क्यों नहीं हो रहे? यह कोर्ट की अनदेखी है। इस आधार पर जस्टिस संजय सिंह ने विधायक की गिरफ्तारी का आदेश दिया।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अप्रैल में सुनवाई के दौरान कहा था- मौजूदा विधायक के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी है, लेकिन एक्शन नहीं लिया गया। उन्हें विधानसभा सत्र में भाग लेने की इजाजत देना एक खतरनाक और गंभीर मिसाल कायम करता है।

 

Raju Upadhyay

Raju Upadhyay is a veteran journalist with experience of more than 35 years in various national and regional newspapers, including Sputnik, Veer Arjun, The Pioneer, Rashtriya Swaroop. He also served as the Managing Editor at Soochna Sahitya Weekly Newspaper.