Friday, September 20, 2024

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Delhi : दिल्ली में मणिपुरी युवती की रहस्यमयी मौत मामले में 11 साल बाद सीबीआई ने दर्ज किया केस,सुप्रीम कोर्ट ने दिया था आदेश

After 11 years, CBI investigates Manipuri girl's death in Delhi by Supreme Court order.

 (  )  के आदेश पर कार्रवाई करते हुए    (  ) ने 11 साल पहले   ( )  में अपने घर पर एक मणिपुरी युवती( Manipuri Girl )रींगाम्फी  (22) की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत की जांच अपने हाथ में ले ली है और अज्ञात आरोपियों के खिलाफ दिल्ली पुलिस की प्राथमिकी को फिर से दर्ज किया।

अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि 22 वर्षीय मणिपुरी युवती ( Manipuri Girl ) चिराग दिल्ली में किराए के एक मकान में रह रही थी। मई 2013 में उसका शव मिला था, जिसमें चेहरा विकृत और नाक टूटी हुई थी। पुलिस को फर्श पर खून के छींटे मिले थे और खून से लथपथ एक चादर भी बरामद हुई थी। उन्होंने कहा कि शुरुआत में पुलिस ने आत्महत्या मान कर केस की जांच शुरू की थी, लेकिन बाद में इसमें हत्या संबंधी धाराएं जोड़ी गईं।

एम्स के साथ-साथ दो अन्य अस्पतालों के डॉक्टरों ने शव का परीक्षण किया, लेकिन मौत का कारण पता नहीं चल सका। इसके बाद पीड़िता के चचेरे भाइयों ने सीबीआई जांच के लिए दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, लेकिन उनकी याचिका खारिज कर दी गई। बाद में वे सुप्रीम कोर्ट पहुंचे, जिसने 22 मार्च को सीबीआई जांच का निर्देश दिया।

न्यायमूर्ति जेके माहेश्वरी और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ ने दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को खारिज करते हुए कहा, प्रथम दृष्टया यह आत्महत्या का मामला नहीं लगता है। घटनास्थल से पता चलता है कि फर्श पर खून बिखरा हुआ था और बिस्तर की चादर पूरी तरह खून से भीगी हुई थी। यह हत्या का मामला प्रतीत होता है और इसलिए दोषियों को अवश्य पकड़ा जाना चाहिए।

बता दें कि चिराग दिल्ली गांव में रेनगमफी ने दो महीने पहले किराए पर घर लिया था। उसके साथ मणिपुर की एक और युवती भी रहती थी जो दो हफ्ते पहले मणिपुर चली गई थी। 29 मई 2013 को कमरे में रेनगमफी ( Manipuri Girl )का शव मिला था। एम्स के एक वरिष्ठ रेजिडेंट द्वारा शव परीक्षण किया गया, जिसने रेखांकित किया कि शरीर पर पाए गए गंभीर घाव पोस्टमार्टम प्रकृति के थे, लेकिन मौत का कारण निर्धारित नहीं कर सके।मौलाना आज़ाद मेडिकल कॉलेज और लोक नायक अस्पताल के डॉक्टरों के एक पैनल द्वारा दूसरी शव परीक्षा की गई लेकिन फिर भी मौत का कारण पता नहीं चल सका।

 

Jaba Upadhyay

Jaba Upadhyay is a senior journalist with experience of over 15 years. She has worked with Rajasthan Patrika Jaipur and currently works with The Pioneer, Hindi.