मतदान प्रक्रिया खत्म होने के साथ ही पश्चिम बंगाल ( West Bengal) के नदिया ( Nadia ) जिले में भाजपा कार्यकर्ता की हत्या कर दी गई। आरोप है कि तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने भाजपा कार्यकर्ता को पहले गोली मारी। जब वह बचने के लिए भागा, तो तेजधार हथियार से उसकी गर्दन काटकर अपने साथ ले गए। भाजपा ने इसे सुनियोजित हत्या बताते हुए पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाए हैं।
पुलिस सूत्रों ने बताया, भाजपा कार्यकर्ता हफीजुल शेख शनिवार रात नदिया ( Nadia ) के कालीगंज में चाय की दुकान पर बैठे थे। तभी बाइक पर आए बदमाशों ने वारदात को अंजाम दिया। वहीं, मृतक के बड़े भाई जैनुद्दीन मोल्ला का कहना है कि हफीजुल दुकान पर कैरम खेल रहा था। इसी बीच तृणमूल के गुंडों ने भाई को कई गोलियां मारीं। जान बचाने के लिए जब वह भागा तो तेज हथियार से उसकी गर्दन काटकर साथ लेते गए। मोल्ला ने सीबीआई जांच की मांग करते हुए कहा कि उन्हें पुलिस पर भरोसा नहीं है। हफीज के परिवार के मुताबिक वो हाल ही में बीजेपी में शामिल हुआ था।नदिया ( Nadia ) जिले की पुलिस का ये भी कहना है की हफीज और उसकी हत्या करने वाले दोनों ही आपराधिक मानसिकता के हैं।
भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने आरोप लगाया, बंगाल में हत्याओं का दौर फिर शुरू हो गया है। वहीं, कृष्णानगर से भाजपा प्रत्याशी अमृता राय ने कहा, यह नृशंस हत्या और प्रतिशोध का मामला है। अगर ऐसा नहीं होता, तो क्या वे उसकी गर्दन लेकर जाते। उन्होंने कहा, इसमें पुलिस की भूमिका से इन्कार नहीं किया जा सकता।
बता दें कि पश्चिम बंगाल में चुनावों से पहले और बाद में हिंसा की घटनाएं होती रही हैं। इस बार भी लोकसभा चुनाव से पहले और चुनाव के दौरान हिंसा की घटनाएं हुई थीं और कुछ लोगों की जान गई थी। इससे पहले जब पिछली बार पश्चिम बंगाल विधानसभा के चुनाव हुए थे, तब भी जमकर हिंसा हुई थी। हिंसा ऐसी थी कि बंगाल के एक इलाके से लोगों को पलायन कर असम में शरण भी लेनी पड़ी थी। कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा के मामले की जांच सीबीआई को सौंपी थी। सीबीआई ने इस मामले में सत्तारूढ़ टीएमसी के कई कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार भी किया था। अब बीजेपी कार्यकर्ता की हत्या के बाद बंगाल में बीजेपी बनाम टीएमसी के बीच फिर आरोप और प्रत्यारोप का दौर चलने की संभावना बन गई है।