सिक्किम (Sikkim ) में प्रेम सिंह तमांग( Prem Singh Tamang ) लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री बन गए। तमांग ने सोमवार 10 जून को गंगटोक के पल्जोर स्टेडियम में सीएम पद की शपथ ली। प्रेम सिंह तमांग, पीएस गोले के नाम से मशहूर हैं। 8 विधायकों ने भी मंत्री पद की शपथ ली।
सिक्किम में विधानसभा की 32 सीटें हैं, तमांग की सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (SKM) ने 31 सीटें जीतीं। सिक्किम में विधानसभा चुनाव के लिए 19 अप्रैल को एक चरण में वोटिंग हुई थी। 2 जून को नतीजे आए थे।विधानसभा चुनाव में सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) की ऐतिहासिक विजय हासिल के बाद वह लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री बने हैं।
राजधानी गंगटोक के पालजोर स्टेडियम में राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य ने उन्हें शपथ दिलाई। मुख्यमंत्री तामांग ( Prem Singh Tamang )ने नेपाली भाषा में शपथ पाठ किया। उनके साथ 11 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली।
तामांग के मंत्रिमंडल में सात नए चेहरे हैं। शपथ ग्रहण के बाद मुख्यमंत्री तामांग ( Prem Singh Tamang )ने कहा कि नई सरकार बिजली, पानी और सड़क को लेकर विशेष रूप से काम करेगी। पिछले कार्यकाल के अधूरे कार्यों को पूरा किया जाएगा। राज्य सरकार केंद्र में एनडीए को समर्थन करेगी। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने 2014 के बाद पूर्वोत्तर के विकास को नई दिशा दी है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी प्रेम सिंह तमांग( Prem Singh Tamang ) को दोबारा सिक्किम का मुख्यमंत्री बनने पर बधाई दी है। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा ‘सिक्किम के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने पर प्रेम सिंह तमांग के सफल कार्यकाल की कामना करता हूं और सिक्किम की प्रगति के लिए उनके साथ काम करने के लिए उत्सुक हूं।’
सिक्किम में सत्ताधारी सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (SKM) ने सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (SDF) का सफाया कर दिया। 25 साल (1994-2019) सत्ता में रहे एसडीएफ को इस बार महज एक सीट मिली। एसडीएफ के मुख्यमंत्री रहे पवन कुमार चामलिंग ने दो सीटों से चुनाव लड़ा था और वे दोनों से हार गए। कांग्रेस-भाजपा को एक भी सीट नहीं मिली।
प्रेम सिंह तमांग ( Prem Singh Tamang )का जन्म 5 फरवरी 1968 को पश्चिम सिक्किम के सिंग्लिंग बस्टी में हुआ था। उनके पिता का नाम कालू सिंह तमांग और मां का नाम धन माया तमांग है। शुरुआती शिक्षा हासिल करने के बाद तमांग ने 1988 में दार्जिलिंग गवर्नमेंट कॉलेज से कला में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। राजनीति में आने से पहले तमांग सरकारी शिक्षक थे। हालांकि, शिक्षक की नौकरी के बदले उनकी सामाजिक कार्यो में अधिक रूचि रही। इसी वजह से वे बाद में सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) की राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेने शुरू कर दिया और पार्टी के सदस्य बन गए। इसके बाद उन्होंने सरकारी नौकरी से इस्तीफा दे दिया और एसडीएफ के स्थाई सदस्य बन गए। चामलिंग, एसडीएफ के संस्थापक रहे पूर्व सीएम पवन कुमार चामलिंग को अपना राजनीतिक गुरु मानते थे।
वर्ष 1994 में तमांग ने अपने जीवन का पहला विधानसभा चुनाव लड़ा। एसडीएफ के टिकट पर सोरेंग चाकुंग सीट से चुनाव लड़कर उन्होंने पहली जीत भी दर्ज की। 1994 से 1999 तक वे पशुपालन, चर्च और उद्योग विभाग के मंत्री रहे। 1999 के विधानसभा चुनाव में में वे एक बार फिर से सोरेंग चाकुंग विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए। वर्ष 1999 से लेकर 2004 तक उन्होंने राज्य के उद्योग और पशुपालन मंत्री के रूप में कार्य किया। अगले चुनाव यानी वर्ष 2004 में उन्होंने एक बार फिर से चाकुंग निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार सतीश मोहन प्रधान को हराकर जीत दर्ज की। इसी के साथ वे राज्य के भवन एवं आवास विभाग के मंत्री बने। 2009 में प्रेम सिंह तमांग ने अपर बुर्तुक से चुनाव लड़ा और कांग्रेस प्रत्याशी अरुण कुमार राय को मात दी।
वर्ष 2013 में एसडीएफ से प्रेम सिंह तमांग( Prem Singh Tamang ) के इस्तीफे के बाद राज्य में सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) नाम से नई पार्टी अस्तित्व में आई। तमांग ने पार्टी का गठन किया और 2014 के विधानसभा चुनाव में ताल ठोक दी। इस दौरान एसकेएम ने राज्य की 32 में से 10 सीटों पर जीत दर्ज की। 43 प्रतिशत मतदान प्रतिशत के साथ राज्य में एसकेएम के लिए अच्छी शुरुआत थी।
Congratulations to Shri @PSTamangGolay on taking oath as the Chief Minister of Sikkim. Wishing him a fruitful tenure and looking forward to working with him for Sikkim’s progress.
— Narendra Modi (@narendramodi) June 10, 2024