मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की जमानत याचिका पर राउज एवेन्यू कोर्ट में गुरुवार (20 जून) को लगातार दूसरे दिन सुनवाई हुई। जज न्यायबिंदु की वेकेशन बेंच ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केजरीवाल की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। कोर्ट ने उन्हें 1 लाख रुपए के बेल बॉन्ड पर जमानत दी है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से पेश हुए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (ASG) एसवी राजू ने कहा था कि ईडी ने हवा में जांच नहीं की है। केजरीवाल के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं। उन्हें बेल नहीं मिलनी चाहिए। वहीं, केजरीवाल की ओर से पेश हुए वकील विक्रम चौधरी ने दलील दी थी कि केजरीवाल के खिलाफ पूरा केस सिर्फ कल्पना पर आधारित है।

इस दौरान ईडी ने अदालत को बताया कि 7 नवंबर, 2021 को केजरीवाल विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान गोवा के होटल ग्रैंड हयात में रुके थे और बिल का भुगतान चनप्रीत सिंह ने किया था, जिन पर आरोप है कि उन्होंने आप के फंड का प्रबंधन किया था।
ईडी ने कोर्ट में कहा था कि ऐसा नहीं है कि जांच एजेंसी हवा में जांच कर रही है। ईडी के पास मामले में ठोस सुबूत हैं। सह-आरोपित विनोद चौहान के फोन से करेंसी नोट के फोटोग्राफ मिले हैं जो कि दिए गए थे। चनप्रीत, विनोद से लगातार बातें करता था। विनोद चौहान के केजरीवाल से अच्छे संबंध थे। केजरीवाल कहते हैं कि मेरे फोन में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं है। मैं पासवर्ड नहीं बताऊंगा। इसलिए विनोद चौहान के फोन का सहारा लेना पड़ा।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को 21 मार्च को अरेस्ट किया गया था। 1 अप्रैल को वे तिहाड़ जेल भेजे गए। सुप्रीम कोर्ट ने 10 मई को उन्हें अंतरिम जमानत दी थी। जमानत पर 21 दिन बाहर रहने के बाद 2 जून की शाम 5 बजे केजरीवाल ने तिहाड़ में सरेंडर किया था। बुधवार को केजरीवाल की न्यायिक हिरासत खत्म हुई थी, जिसे कोर्ट ने 3 जुलाई तक बढ़ा दिया था।
Delhi excise policy case | Rouse Avenue court allows the bail application of CM Arvind Kejriwal and grants bail to him on a bail bond of Rs 1 lakh
(File photo) pic.twitter.com/kAsqVTYVtu
— ANI (@ANI) June 20, 2024