सीबीआई ने नीट ( NEET ) पेपर लीक मामले में शुक्रवार को झारखंड के हजारीबाग में एक स्कूल के प्रधानाचार्य और उप प्रधानाचार्य समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया। अधिकारियों ने बताया, गिरफ्तार किए गए ओएसिस स्कूल के प्रधानाचार्य एहसान उल हक को 5 मई को आयोजित नीट-यूजी( NEET UG ) के लिए हजारीबाग शहर का संयोजक बनाया गया था। उप प्रधानाचार्य इम्तियाज आलम को एनटीए के पर्यवेक्षक और ओएसिस स्कूल में बनाए गए नीट सेंटर के संयोजक की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इन दोनों के अलावा सीबीआई ने एक पत्रकार को भी गिरफ्तार किया है। पत्रकार के बारे में सीबीआई ने कोई जानकारी साझा नहीं की है।
सीबीआई ने शुक्रवार को नीट ( NEET ) पेपर लीक मामले मेंदिनभर पूछताछ के बाद इन्हें गिरफ्तार किया और शाम में पटना लेकर आई है। एहसान उल हक को टीम स्कूल के उनके कार्यालय में भी लेकर गई जहां करीब 2 घंटे तक जांच की गई। एहसान उल हक और इम्तियाज आलम इस मामले में बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध ईकाई (ईओयू) की जांच के दायरे में भी थे। ईओयू ने अपनी जांच के दौरान पाया था कि नीट यूजी के प्रश्नपत्र हजारीबाग के ओएसिस स्कूल से ही पेपरलीक गिरोह के सरगना संजीव मुखिया को मिले थे।
पटना में सीबीआई आरोपी चिंटू और मुकेश को साथ लेकर उनके दोस्त रॉकी के घर पहुंची। बताया जा रहा है कि पटना के कंकड़बाग स्थित रॉकी के घर से एजेंसी को कई सबूत हाथ लगे हैं। चिंटू की देवघर में गिरफ्तारी के बाद रॉकी फरार हो गया था। सीबीआई ने चिंटू, मुकेश, आशुतोष और मनीष कुमार के मोबाइल की भी जांच की। सभी आरोपी पिछले 6 महीने से आपस में संपर्क में थे।
सीबीआई 6 राज्य बिहार, झारखंड, गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान और यूपी में नीट-यूजी( NEET UG ) पेपर लीक मामले में गिरफ्तार आरोपियों के आपस में संबंधों की पड़ताल कर रही है, ताकि मास्टरमाइंड का पता चल सके। सीबीआई को शक है कि लीक मामले में विभिन्न राज्यों में गिरफ्तार आरोपी केवल कॉन्ट्रैक्टर हैं, असली अपराधी कोई और है।

राज्यों में कॉन्ट्रैक्टर के माध्यम से पेपर स्टूडेंट्स तक पहुंचा था। लीक से जुड़े पुराने अपराधियों से भी पूछताछ होगी। वह पुराने आरोपियों के रिकॉर्ड को निकाल रही है।