महाराष्ट्र (Maharashtra ) विधान परिषद की 11 सीटों पर हुए चुनाव के नतीजे आ गए है। आज (12 जुलाई) शाम 4 बजे तक मतदान हुआ और फिर वोटों की गिनती हुई। महाराष्ट्र एमएलसी चुनाव में 11 सीटों में से एनडीए के सभी 9 उम्मीदवारों को जीत मिली है जबकि विपक्षी खेमे से महाविकास अघाडी (MVA) के तीन में से 2 उम्मीदवारों को जीत हुई है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, एमएलसी चुनाव में 6 विपक्षी विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की है। इस वजह से नतीजे सत्तारूढ़ दलों के पक्ष में आया है। बीजेपी नेताओं ने दावा किया कि विपक्ष के वोट मिलने की वजह से हमारे सभी 9 उम्मीदवार विजयी हुए हैं। महाविकास अघाडी ने तीन उम्मीदवार उतारे थे, जिनमें से दो उम्मीदवारों ने ही जीत हासिल की है। शेतकारी कामगार पार्टी (शेकाप) के जयंत पाटिल हार गए हैं।
महाराष्ट्र (Maharashtra ) विधान परिषद की 11 सीटों के लिए 12 उम्मीदवार मैदान में थे। इससे मुकाबला बेहद दिलचस्प हो गया। बड़े दलों ने अपने मतों को टूटने से बचाने के लिए अपने विधायकों को शहर के विभिन्न होटलों में ठहराया था। इसके बावजूद क्रॉस वोटिंग होने से नंबर गेम बदल गया। महाराष्ट्र विधानसभा में कुल 288 विधायक है। लेकिन 14 रिक्तियों के कारण 274 विधायकों ने मतदान किया। महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल इस साल 23 नवंबर को समाप्त हो रहा है।
महाराष्ट्र (Maharashtra ) विधान परिषद की 11 सीटों पर चुनाव के लिए बीजेपी ने 5 उम्मीदवार मैदान में उतारे थे। सभी जीत गए है। बीजेपी से पंकजा मुंडे, परिणय फुके, अमित गोरखे, योगेश टिलेकर, सदाभाऊ खोत विजयी हुए है।
वहीँ एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने पूर्व सांसद भावना गवली, कृपाल तुमान को मौका दिया है। दोनों प्रत्याशी विजयी हुए है. वहीँ, एनसीपी अजित पवार गुट से राजेश विटेकर, शिवाजी गरजे मैदान में थे और जीत गए है।
वहीँ, विपक्षी खेमें में कांग्रेस की प्रज्ञा सातव और उद्धव ठाकरे की शिवसेना से मिलिंद नार्वेकर जीत गए है। जबकि एनसीपी शरद पवार गुट ने शेकाप से जयंत पाटिल को समर्थन दिया है। लेकिन क्रॉस वोटिंग की वजह से वह हार गए है।
एमएलसी चुनाव जीतने के लिए उम्मीदवारों को 23 प्रथम वरीयता वोट प्राप्त करने की जरुरत थी। बीजेपी के सबसे ज्यादा 5 उम्मीदवार मैदान में थे। इन्हें जीतने के लिए बीजेपी को कुचल 115 वोटों की जरूरत थी। बीजेपी के संख्या बल को देखते हुए उसे तीन वोट कम पड़ रहे थे। जो नतीजो में उसे मिलते दिख रहे है।
वहीँ, शिंदे सेना के दो उम्मीदवार मैदान में थे। शिवसेना के पास 39 अपने विधायक और 10 निर्दलीय विधायक का समर्थन था। इसलिए शिंदे की शिवसेना के दोनों उम्मीदवारों का जीतना तय था। जबकि अजित पवार गुट के पास 39 एनसीपी विधायक हैं। उसके दोनों प्रत्याशियों की जीत के लिए 7 वोट कम पड़ रहे थे। लेकिन अजित दादा के उम्मीदवारों की नैया कुछ निर्दलियों, छोटे दलों और विपक्ष के क्रॉस वोटों से पार हो गई।
उद्धव ठाकरे की शिवसेना (UBT) के पास 15 अपने विधायक थे। इसके अलावा एक निर्दलीय विधायक का समर्थन भी प्राप्त था। इसलिए उन्हें 7 और वोटों की जरूरत थी। चुनाव नतीजे आने के बाद साफ हो गया है कि ये वोट उन्हें मिल गए हैं।
वहीँ, शेकाप के जयंत पाटिल शरद पवार गुट के समर्थन से एमएलसी चुनाव लड़ रहे थे। वरिष्ठ पवार के पास 15 विधायक हैं। जबकि जयंत पाटिल की पार्टी के एक विधायक का समर्थन भी मिला। ऐसे में उनके पास 16 वोट थे और जीत के लिए 7 और वोटों की दरकार थी। जो पूरी नहीं हुई।
महाराष्ट्र (Maharashtra ) विधान परिषद की 11 सीटों के चुनाव में कांग्रेस के वोट सबसे महत्वपूर्ण और निर्णायक थे। कांग्रेस के पास 37 वोट हैं। पार्टी प्रत्याशी प्रज्ञा सातव को जीत के लिए प्रथम वरीयता के 23 वोटों की जरूरत थी। इसके बाद पार्टी के पास 14 वोट बचे थे। माना जा रहा है कि एमएलसी चुनाव का अंतिम नतीजा कांग्रेस के वोट से ही तय हुआ है। शेकाप नेता और उम्मीदवार जयंत पाटिल ने पहले ही दावा किया था कि कांग्रेस के 4 विधायक क्रॉस वोटिंग करेंगे।