केंद्र सरकार ने 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ ( ‘Samvidhan Hatya Diwas’ )घोषित कर दिया। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ( Amit Shah) ने शुक्रवार 12 जुलाई को सोशल मीडिया पर पोस्ट कर इसकी जानकारी दी। सरकार ने इसका नोटिफिकेशन भी जारी किया है।
शाह ने लिखा, ’25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अपनी तानाशाही मानसिकता को दर्शाते हुए देश में आपातकाल लगाकर भारतीय लोकतंत्र की आत्मा का गला घोंट दिया था। लाखों लोगों को अकारण जेल में डाल दिया गया और मीडिया की आवाज को दबा दिया गया।’
केंद्रीय गृह मंत्री ने अपने ट्वीट में लिखा, 25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अपनी तानाशाही मानसिकता को दर्शाते हुए देश में आपातकाल लगाकर भारतीय लोकतंत्र की आत्मा का गला घोंट दिया था। लाखों लोगों को अकारण जेल में डाल दिया गया और मीडिया की आवाज को दबा दिया गया। भारत सरकार ने हर साल 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस'( ‘Samvidhan Hatya Diwas’) के रूप में मनाने का निर्णय किया है। यह दिन उन सभी लोगों के विराट योगदान का स्मरण करायेगा, जिन्होंने 1975 के आपातकाल के अमानवीय दर्द को झेला था।
अमित शाह ने अपने एक्स पोस्ट के साथ केंद्र सरकार की तरफ से जारी गजट नोटिफिकेशन की प्रति भी पोस्ट की है। गजट में गृह मंत्रालय की तरफ से 11 जुलाई को जारी अधिसूचना का जिक्र है। इसमें कहा गया है कि जबकि 25 जून, 1975 को आपातकाल की घोषणा की गई थी, इसके बाद उस समय की सरकार द्वारा सत्ता का घोर दुरुपयोग किया गया और भारत के लोगों पर ज्यादतियां और आत्याचार किए गए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ’25 जून को संविधान हत्या दिवस ( ‘Samvidhan Hatya Diwas’ )के रूप में मनाना इस बात की याद दिलाएगा कि उस दिन क्या हुआ था और भारत के संविधान को कैसे कुचला गया था। ये भारत के इतिहास में कांग्रेस द्वारा लाया गया एक काला दौर था।’
जेडीयू के नेता केसी त्यागी ने कहा, ‘हम केंद्र सरकार के इस फैसले की सराहना करते हैं। आपातकाल के दौरान उन्हें भी जेल जाने का मौका मिला। इससे परिवार वालों को भी परेशानी हुई थी।’
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने केंद्र सरकार के इस निर्णय पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि 25 जून देश के इतिहास में शर्मनाक घटना वाला दिन है। इस दिन को संविधान हत्या दिवस ( ‘Samvidhan Hatya Diwas’)के रूप में मनाने का निर्णय कर सरकार ने एक बहुत अच्छा कदम उठाया है, क्योंकि इससे देश की जनता को हमेशा यह याद रहेगा की इस तरह के कदमों से किस तरह कांग्रेस ने देश के लोकतंत्र का गला घोंटने की कोशिश की थी। उनके अनुसार इस तरह के कार्यक्रम देश में दोबारा इस तरह की स्थिति लाने नहीं देंगे।
25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी ने अपनी तानाशाही मानसिकता को दर्शाते हुए देश में आपातकाल लगाकर भारतीय लोकतंत्र की आत्मा का गला घोंट दिया था। लाखों लोगों को अकारण जेल में डाल दिया गया और मीडिया की आवाज को दबा दिया गया। भारत सरकार ने हर साल 25 जून को ‘संविधान… pic.twitter.com/KQ9wpIfUTg
— Amit Shah (@AmitShah) July 12, 2024