राजस्थान ( Rajasthan ) में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB ) अलवर की टीम ने देवस्थान विभाग के एडिशनल कमिश्नर आकाश रंजन को सात साल पुराने रिश्वतख़ोरी के मामले में गिरफ्तार किया है। एसीबी की टीम ने कोर्ट से जारी गिरफ्तारी वारंट की पालना करते हुए आकाश रंजन को जयपुर के मेरी गोल्ड पब्लिक स्कूल एसटीसी/बीएड कॉलेज बड़ पीपली (सीकर रोड) से गिरफ्तार किया है। आकाश रंजन को आज कोर्ट में पेश किया गया।
एसीबी(ACB ) से मिली जानकारी के अनुसार साल 2017 में हुए रिश्वत के मामले में आरोप प्रमाणित होने पर यह कार्रवाई की गई है। उस दौरान आकाश रंजन तहसीलदार के पद पर तैनात थे। तिजारा के रहने वाले परिवादी चंदर सिंह ने एसीबी चौकी अलवर में 19 जुलाई 2017 को एक रिपोर्ट दी थी।
चंदर सिंह ने बताया था कि उसके पिता द्वारा खरीदी गई जमीन के वसीयतनामा के आधार पर मेरे बेटे और भाइयों के बेटे के नाम निर्णय कराने के बदले में तहसीलदार व उसके कार्यालय के सहायक कार्यालय अधीक्षक रिश्वत राशि की मांग कर रहे है।
इस पर एसीबी (ACB ) अलवर की टीम ने 19 जुलाई 2017 को रिश्वत मांग की शिकायत का सत्यापन कराया। सत्यापन के दौरान आरोपी और तहसीलदार आकाश रंजन के नाम से 8 हजार रुपए रिश्वत की मांग करना पाया गया था। इस पर 20 तारीख को एसीबी ने ट्रैप की कार्रवाई को अंजाम दिया था। ट्रैप के दौरान एसीबी ने दलाल मानसिंह की शर्ट की जेब से 8 हजार रुपए रिश्वत के बरामद किए थे। इस पर एसीबी ने दलाल मानसिंह और सहायक कार्यालय अधीक्षक राधेश्याम मौर्य तहसील तिजारा को गिरफ्तार किया था।
तत्कालीन तहसीलदार आकाश रंजन से रिश्वत राशि के संबंध में आरोपी राधेश्याम मौर्य की मोबाइल फोन पर बात करवाई गई। तहसीलदार का रिश्वत मांगने और प्राप्त करने में सम्मिलित होना पाया गया था। लेकिन आकाश रंजन मौके से फरार हो गया था। उनके खिलाफ एसीबी कोर्ट अलवर में 16 फरवरी 2022 को चार्जशीट पेश की गई थी। आरोपी आकाश रंजन नोटिस के बाद भी कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए। आकाश रंजन अभी सहायक आयुक्त देवस्थान विभाग जयपुर में तैनात हैं। इस पर कोर्ट ने आरोपी आकाश रंजन का गिरफ्तारी वारंट जारी किया। इस पर आज गिरफ्तारी की गई।