Friday, September 20, 2024

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Maharashtra: कैमलिन स्याही व ज्योमैट्री बॉक्स देने वाले सुभाष दांडेकर नहीं रहे,प्रतिष्ठित ब्रांड के लिए एक युग का अंत 

Camlin founder Subhash Dandekar passes away

Subhash Dandekar, the man who made Camlin a household name, diesस्टेशनरी ब्रांड कोकुयो कैमलिन Kokuyo Camlin ) के चेयरमैन सुभाष दांडेकर Subhash Dandekar ) का सोमवार को  निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार मध्य मुंबई में  कर दिया गया है। दांडेकर ने कैमलिन को गुणवत्तापूर्ण स्टेशनरी और शैक्षिक उत्पादों के पर्याय के रूप में एक घरेलू नाम के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उनका निधन एक प्रतिष्ठित ब्रांड के लिए एक युग के अंत का प्रतीक है।उनके परिवार में बेटा आशीष और बेटी अनघा हैं।

सुभाष दांडेकर पिछले कुछ दिनों से बीमार थे और हिंदुजा अस्पताल में उनका निधन हो गया। दादर के शिवाजी पार्क कब्रिस्तान में उनके अंतिम संस्कार में परिवार के सदस्यों, कैमलिन समूह के कर्मचारियों और उद्योग के गणमान्य लोगों ने भाग लिया।

कैमलिन (  Camlin )ब्रांड की स्थापना करने वाले परिवार में जन्मे, सुभाष दांडेकर ने ना केवल एक व्यवसाय बल्कि एक विरासत का नेतृत्व किया। कैमलिन की स्थापना मूल रूप से 1931 में दिगंबर परशुराम दांडेकर ने की थी। सुभाष दांडेकर के दूरदर्शी नेतृत्व में कंपनी ने अपने क्षितिज का विस्तार किया।

1960 में, उन्होंने कला सामग्री में कंपनी के विविधीकरण का नेतृत्व किया। कंपनी ने इस दौरान ऑफिस स्टेशनरी और पेशेवर कलाकारों से जुड़े उपकरणों को शामिल कर अपनी उत्पाद शृंखला का विस्तार किया। उनके इस कदम से केमलिन (  Camlin )घर-घर में एक जाना-माना नाम बन गया।

कैमलिन (  Camlin ) में दांडेकर का कार्यकाल कई महत्वपूर्ण मील के पत्थर का गवाह बना।  जिसमें 2011 में जापानी कंपनी कोकुयो द्वारा बहुमत हिस्सेदारी का अधिग्रहण शामिल था। इस रणनीतिक साझेदारी ने न केवल कोकुयो उत्पादों को भारतीय बाजार में पेश किया, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कैमलिन के विस्तार की सुविधा भी प्रदान की। वैश्विक महत्वाकांक्षाओं के बावजूद, कैमलिन भारतीय घरों में एक प्रिय ब्रांड बना रहा, जिसका प्रतिष्ठित पीला जियोमैट्राी बॉक्स देश भर के स्कूलों में प्रचलित हो गया।

दांडेकर सामाजिक कार्यों से भी गहराई से जुड़े थे। 1992 से 1997 तक महाराष्ट्र चैंबर ऑफ कॉमर्स के प्रमुख के रूप में, उन्होंने श्रम की गरिमा और व्यावसायिक प्रथाओं में मूल्यों के संरक्षण की वकालत की। सामाजिक जागरूकता, कला और उद्यमिता में उनके योगदान के कारण उन्होंने कई प्रशंसाएं अर्जित कीं।

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उन्हें मराठी उद्योग को प्रसिद्धि दिलाने वाले “दादा तुल्य” शख्सियत के रूप में वर्णित किया और रोजगार सृजन में उनकी भूमिका पर प्रकाश डाला। फडणवीस ने एक्स पर कहा, ‘सुभाष दांडेकर ने न सिर्फ कैमलिन का निर्माण किया, बल्कि रोजगार देकर हजारों युवाओं के जीवन में रंग डाला। उन्होंने मूल्यों के संरक्षण को बहुत प्राथमिकता दी।”

Jaba Upadhyay

Jaba Upadhyay is a senior journalist with experience of over 15 years. She has worked with Rajasthan Patrika Jaipur and currently works with The Pioneer, Hindi.