उत्तर प्रदेश विधानसभा में बुधवार को अजब नजारा दिखा। भाजपा विधायक हर्षवर्धन वाजपेयी ( BJP MLA Harshvardhan Bajpai )ने नजूल भूमि विधेयक को लेकर अपनी ही सरकार पर सवाल उठा दिए। संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने जब उन्हें टोंका तो विपक्ष ने भी बयानबाजी की।
वाजपेयी ( BJP MLA Harshvardhan Bajpai )ने कहा कि आजादी के 75 साल पहले से सौ-सौ वर्षों से लोग यहां रह रहे हैं। पीएम मोदी लोगों को आवास देकर बसा रहे हैं आप उनके घर गिरा देंगे। उन्होंने कहा कि जो लोग नजूल भूमि पर पहले से रह रहे हैं उसको फ्री होल्ड किया जाए। उन्होंने कहा कि राजा भैया और सिद्धार्थ नाथ सिंह के घर के आसपास 100 मीटर के दायरे में लोग रहते हैं। अधिकारियों ने गलत फीडबैक दिया है।
भाजपा विधायक( BJP MLA ) सिद्धार्थनाथ सिंह ने सुझाव दिया कि जो लोग पीढ़ी दर पीढ़ी प्रमाणिक हैं, उनका नवीनीकरण किया जाए। अनाधिकृत रहने वालों के लिए पहले पुनर्वास की व्यवस्था की जाए।
जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के विधायक रघुराज प्रताप सिंह ने कहा कि यह विधेयक भले छोटा है, लेकिन इसके परिणाम बड़े हैं। उन्होंने कहा कि सिद्धार्थनाथ सिंह और हर्ष वर्धन पार्टी हित में इस विधेयक का विरोध कर रहे हैं। ऐसे में इसे प्रवर समिति को सौंपा जाए।

कुंडा से विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने सदन में कहा कि ये कौन सा विकास हो रहा है। लाखों लोगों को सड़क पर लाने की कोशिश की जा रही है। ये जानकारी किन अधिकारियों ने दी है। ये समझ से परे है। अगर अंग्रेज फ्री होल्ड कर सकते हैं तो ये जनहितकारी सरकार क्यों नहीं कर सकती है। उन्होंने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट भी नजूल की भूमि पर बना है। क्या इसे भी खाली करा देंगे। ये विधेयक प्रवर समिति को भेजा जाए। इस व्यवस्था से अव्यवस्था पैदा होगी। विधेयक के विरोध में सपा के सदस्य भी वेल में धरने पर बैठ गए।
विधानसभा में बुधवार को सपा- कांग्रेस विधायकों के हंगामे और प्रदर्शन के बीच नजूल संपत्ति विधेयक (लोक प्रयोजनार्थ प्रबंध और उपयोग)2024 पारित हो गया। हालांकि संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने विधायकों के विरोध को देखते हुए विधेयक में कुछ बदलाव का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि नजूल भूमि का पट्टा पाने वाले जिन लोगों का 2025 में समय सीमा समाप्त हो रही है, उनकी लीज का नवीनीकरण किया जाएगा। जिन्होंने फ्री होल्ड के लिए आवेदन किया है और 30 का पट्टा है, उन्हें भी नवीनीकरण का विकल्प दिया जाएगा।