राजस्थान ( Rajasthan ) में कई प्राचीन मंदिर हैं, जो कई रहस्यों से जुड़े हुए हैं। ऐसा ही एक चमत्कारी शिव मंदिर( Shiva Temple ) , धौलपुर ( Dholpur ) से पांच किलोमीटर दूर चंबल नदी के किनारे बीहड़ोंं में स्थित अचलेश्वर महादेव मंदिर( Achaleshvar Mahadev Temple) है। इस मंदिर में विराजमान शिवलिंग दिन में तीन बार अपना रंग बदलता है।
चंबल नदी के बीहड़ों में मौजूद इस शिव मंदिर( Shiva Temple ) को लोग ‘अचलेश्वर महादेव’ मंदिर के नाम से जानते हैं। बीहड़ों गांव के लोगो का माना है कि अचलेश्वर महादेव की पूजा करने से सभी मनोकामना पूरी होती है।बताया जाता है कि यह मंदिर हजारों साल पुराना है। बीहड़ में मंदिर होने के कारण पहले कम ही लोग यहां आ पाते थे लेकिन धीरे-धीरे मंदिर के बारे में पता चलते ही श्रद्धालु यहां आने शुरू हो गए और सावन माह में यहां विशेष पूजा भी होने लगी।
यह रहस्यमयी शिव मंदिर( Shiva Temple ) सदियों से लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। सावन का महीना चल रहा है। इसमें भगवान भाेलेनाथ की पूजा की जाती है। इस पवित्र महीने में शिवलिंग की पूजा करने से हर मनोकामना पूरी होती है। इस मंदिर से लोगों की गहरी आस्था जुड़ी हुई है। अचलेश्वर महादेव मंदिर में स्थित शिवलिंग सुबह लाल, दोपहर में केसरिया और शाम को गेहुंआ दिखाई देता है। हालांकि कुछ शोधकर्ताओं का मानना है कि शिवलिंग पर पड़ने वाली सूर्य की किरणों के कारण ऐसा होता है, लेकिन इसकी सटीक वैज्ञानिक जानकारी अभी तक नहीं है। 2500 साल पुराने इस मंदिर का एक अन्य प्रमुख आकर्षण नंदी की मूर्ति है। कहा जाता है कि यह पीतल का नंदी पांच अलग-अलग धातुओं को मिलाकर बनाया गया है।
कहा जाता है, जब मुस्लिम आक्रमणकारी मंदिर पर हमला करने की कोशिश कर रहे थे, तब नंदी की इस मूर्ति ने उनके ऊपर हजारों मधुमक्खियों को छोड़ दिया था।इतना ही नहीं इस शिवलिंग की उत्पत्ति अपने आप जमीन के नीचे से हुई है। हैरानी की बात यह है कि शिवलिंग की गहराई कितनी है इस बात का पता आज तक कोई नहीं लगा सका है। क्योंकि बड़े-बड़े एक्सपर्ट्स भी इसके छोर तक नहीं पहुंच सके हैं।
सावन महीने में धौलपुर अचलेश्वर महादेव के दर्शन मात्र से ही सभी को मनचाहा जीवनसाथी मिलता है। इस मंदिर के बारे में मान्यता है कि जो भी अविवाहित लड़का या लड़की शादी से पहले यहां मन्नत मांगने आते हैं, उनकी मनोकामना जल्द ही पूरी होती है। भगवान भोलेनाथ की कृपा से लड़कियों को उनका मनचाहा वर मिलता है। यह भी कहा जाता है कि जिनकी शादी नहीं हुई है, जब वे श्रद्धापूर्वक शिवलिंग की पूजा करते हैं तो उनकी भी शादी हो जाती है।