केन्द्र की मोदी सरकार जल्द ही मौजूदा वक्फ अधिनियम ( Waqf Act ) में करीब 40 संशोधन करने की तैयारी में है। इसे लेकर सरकार इसी सत्र में एक नया बिल लेकर आ सकती है। अभी वक्फ (Waqf Board ) के पास किसी भी जमीन को अपनी संपत्ति घोषित करने की शक्ति है। नए बिल में इस पर रोक लगाई जा सकती है।
सूत्रों को मुताबिक शुक्रवार (2 अगस्त) को हुई कैबिनेट बैठक में इस बिल को मंजूरी भी मिल गई है। प्रस्तावित बिल में मौजूदा एक्ट की कुछ धाराओं को हटाया भी जा सकता है। संसद का मानसून सत्र अभी 12 अगस्त तक चलना है।
संपत्तियों को ‘वक्फ परिसंपत्तियों’ के रूप में हस्तांतरित करने को प्रतिबंधित करने और वक्फ बोर्ड (Waqf Board ) की व्यापक शक्तियों पर नियंत्रण करने का लक्ष्य है। सूत्रों ने बताया कि कैबिनेट ने शुक्रवार को इस अधिनियम में लगभग 40 संशोधनों को मंजूरी दे दी है, इसमें प्रस्तावित बदलाव वक्फ बोर्ड की संपत्तियों को “वक्फ संपत्ति” के रूप में नामित करने की शक्ति को सीमित करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं।
इस बिल को अगले हफ्ते संसद में पेश किये जाने की उम्मीद है। सूत्रों ने कहा कि अगर यह पारित हो जाता है, यह भारत में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और हस्तांतरण में एक बड़े बदलाव को दर्शाएगा, जिसके जरिए अन्य इस्लामी देशों में वक्फ बोर्ड के पास जो ताकत है उसके हिसाब से यह काम कर पाएगा। दुनिया के किसी भी देश में वक्फ बोर्ड (Waqf Board ) के पास इतनी व्यापक शक्तियां नहीं हैं।
देश में रेलवे और सशस्त्र बल के बाद सबसे ज्यादा जमीन पर मालिकाना हक रखने वाली संस्था वक्फ बोर्ड है। संशोधनों के बाद किसी भी जमीन पर दावे से पहले उसका वेरिफिकेशन करना होगा। इससे बोर्ड की जवाबदेही बढ़ेगी और मनमानी पर रोक लगेगी।
बोर्ड (Waqf Board ) के पुनर्गठन से बोर्ड में सभी वर्गों समेत महिलाओं की भागीदारी भी बढ़ेगी। मुस्लिम बुद्धिजीवी, महिलाएं और शिया और बोहरा जैसे समूह लंबे समय से मौजूदा कानूनों में बदलाव की मांग कर रहे हैं।
वक्फ बोर्ड (Waqf Board ) से जुड़े नए बिल के पीछे सितंबर 2022 के एक मामले का तर्क दिया जा रहा है। इसमें तमिलनाडु वक्फ बोर्ड ने थिरुचेंदुर गांव को अपनी संपत्ति बताया था, जबकि इस गांव की ज्यादातर आबादी हिंदू है।
वहीं पिछले साल मई में दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने एक आदेश में उन 123 संपत्तियों के निरीक्षण की अनुमति दी थी, जिन पर दिल्ली वक्फ बोर्ड अपने कब्जे का दावा कर रहा है। पिछले साल अगस्त में ही केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने इन संपत्तियों को नोटिस भी जारी किया था।
मोदी सरकार 2.0 के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने किसी विशेष संपत्ति को वक्फ संपत्ति घोषित करने के लिए राज्य वक्फ बोर्ड (Waqf Board ) की शक्तियों और उनके मुतवल्लियों की नियुक्ति के प्रोसेस की समीक्षा की थी।