उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh) के बुलंदशहर में प्रधान डाकघर ( Bulandshahr Head post office)के अधीक्षक ने बुधवार सुबह अलीगढ़ (Aligarh ) स्थित अपने आवास पर गोली मारकर आत्महत्या कर ली। अलीगढ़ स्थित अपने आवास पर उन्होंने खौफनाक कदम उठाया। खुदकुशी से पहले उन्होंने अलीगढ़ के एसएसपी के नाम सुसाइड नोट भी लिखा है। इसमें उन्होंने कई लोगों पर परेशान करने का आरोप लगाया है। पुलिस जांच में जुटी है।सीबीआई ने कल ही भ्रष्टाचार के आरोप में डाकघर पर छापेमारी की थी। पुलिस को शक है कि सिंह इसी से परेशान थे।
जानकारी के अनुसार, बुलंदशहर प्रधान डाकघर ( Bulandshahr Head post office)में तैनात डाक विभाग के अधिकारी टीपी सिंह ने अलीगढ़ के बन्नादेवी के सुरक्षा विहार स्थित अपने आवास पर बुधवार सुबह खुदकुशी कर ली। उन्होंने खुद को अपनी लाइसेंसी पिस्टल से गोली मार ली। पुलिस मौके पर जांच में जुटी है।
डाक अधिकारी मूल रूप से लोधा के गांव अकराबत के रहने वाले थे। इस दौरान का सुसाइड नोट भी एसएसपी के नाम लिखकर छोड़ा है। जिसमे कई लोगो के नाम खोले हैं। उनको ही इसके लिए जिम्मेदार बताया है।
टीपी सिंह ने मरने से पहले एसएसपी अलीगढ़ को सुसाइड नोट भेजा। इसमें लिखा- मैंने 16 दिसंबर, 2021 को डाकघर अधीक्षक बुलंदशहर का कार्यभार ग्रहण किया। इसके बाद से मुझे प्रताड़ित किया जा रहा है।
प्रताड़ित करने वालों में सुरेश कुमार निवासी सैदपुर बुलंदशहर, मनोज तत्कालीन उप डाकपाल (वर्तमान में उप डाकपाल नारहट, ललितपुर), योगेंद्र सिंह पूर्व मेल ओवरसियर, बनवारी लाल पूर्व मेल ओवरसियर और उनके तीन बेटे अरुण, वरुण और टेकचंद शामिल हैं।
ये लोग मुझ पर अनियमित कामों का दबाव बना रहे थे। आए दिन धमकी देते हैं। सुरेश कुमार और उनकी पत्नी कार्यालय में हमला कर चुकी हैं। इससे तंग आकर सुसाइड कर रहा हूं। मेरी मौत के लिए यही लोग जिम्मेदार होंगे।
सुसाइड नोट उन्होंने डाकघर बुलंदशहर के वॉट्सऐप ग्रुप पर भी डाला। इसके बाद कई लोगों ने ग्रुप में ही कॉल और मैसेज कर पूछा, लेकिन उनकी तरफ से कोई रिस्पॉन्स नहीं आया।
घटना के समय टीपी सिंह घर पर अकेले थे। परिवार के अन्य लोग त्योहार पर बाहर गए थे। इन्होंने अपनी लाइसेंसी रिवाल्वर से गोली मारी है। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा है।
बुलंदशहर प्रधान डाकघर ( Bulandshahr Head post office)में मंगलवार दोपहर सीबीआई गाजियाबाद की एंटी करप्शन यूनिट ने पर छापा मारा था। सीबीआई टीम पहुंची और डाक अधीक्षक कार्यालय में मौजूद कर्मियों से पूछताछ शुरु की। इस दौरान टीम के साथ आए सुरक्षाबलों ने कार्यालय को अपने कब्जे में ले लिया। रात करीब नौ बजे तक भी टीम शाखा डाकपाल पदों पर हुई नियुक्तियों, लीप टूर कन्वेंस (एलटीसी-डाकघर में छुट्टियों के दौरान प्रत्येक वर्ष कर्मचारियों को मिलने वाले भ्रमण भत्ते), गबन, चार्जशीट संबंधी फाइल खंगालती रही।बुधवार तड़के 4 बजे ही सीबीआई टीम लौटी थी। वो अपने साथ कुछ डॉक्यूमेंट्स लेकर भी गई थी।इसी बीच बुधवार सुबह 10 बजे के आसपास डाकघर अधीक्षक के सुसाइड करने की सूचना आ गई। जिन लोगों पर टीपी सिंह ने आरोप लगाए हैं, वे सभी फरार हैं।