Friday, September 20, 2024

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‘न्याय हमेशा सरल एवं स्पष्ट लेकिन कभी-कभी प्रक्रिया उसे मुश्किल बना देती है’: राजस्थान हाईकोर्ट की प्लेटिनम जुबली समारोह में बोले पीएम मोदी

’Justice is always simple but sometimes process makes it difficult’,PM Modi at Platinum Jubilee Celebrations of Rajasthan High Court

राजस्थान हाईकोर्ट की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर रविवार को   ( )  हाईकोर्ट में प्लेटिनम जुबली समारोह आयोजित किया गया।  ( ) इसमें मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। पीएम मोदी ने राजस्थान हाईकोर्ट म्यूजियम का उद्घाटन भी किया। उन्होंने समारोह को संबोधित करते हुए आईपीसी की जगह भारतीय न्याय संहिता लागू करने, आर्टिकल 370, सीएए को समाप्त करने के लिए सरकार की तरफ से किए गए कामों का जिक्र किया।

प्रधानमंत्री ने राजस्थान हाईकोर्ट की स्थापना के प्लेटिनम जुबली समापन समारोह में कहा-  दशकों से कोर्ट के सामने चक्कर शब्द कोई बुरा मत मानना, चक्कर शब्द मेंडेटरी हो गया था। कोर्ट का चक्कर मुकदमे का चक्कर यानी एक ऐसा चक्कर इसमें फंस गए तो कब निकलेंगे पता नहीं।

प्रधानमंत्री ने कहा- आज दशकों बाद आम नागरिकों की पीड़ा को खत्म करने के लिए सरकार ने प्रभावी कदम उठाए हैं। मेरा मानना है न्याय हमेशा सरल एवं स्पष्ट होता है। कई बार प्रक्रियाएं उसे मुश्किल बना देती है। हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है हम न्याय को सरल और स्पष्ट बनाएं।

पीएम मोदी (PM Modi  )ने कहा- राजस्थान हाइकोर्ट के अस्तित्व से हमारे राष्ट्र की एकता का इतिहास जुड़ा है। आप सब जानते हैं, सरदार पटेल ने जब 500 से ज्यादा रियासतों को जोड़कर देश को एक सूत्र में पिरोया था, तो उसमें राजस्थान की भी कई रियासतें थीं। जयपुर, उदयपुर और कोटा जैसी कई रियासतों के अपने हाइकोर्ट भी थे। इनके इंटिग्रेशन से राजस्थान हाइकोर्ट अस्तित्व में आया यानी राष्ट्रीय एकता ये हमारे ज्यूडिशियल सिस्टम का भी फाउंडिंग स्टोन है। ये फाउंडिंग स्टोन जितना मजबूत होगा, हमारा देश और देश की व्यवस्थाएं भी उतनी ही मजबूत होंगी।

मोदी (PM Modi  )ने कहा- मेरा मानना है, न्याय हमेशा सरल और स्पष्ट होता है, लेकिन कई बार प्रक्रियाएं उसे मुश्किल बना देती हैं। ये हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है कि हम न्याय को ज्यादा से ज्यादा सरल और स्पष्ट बनाएं और मुझे संतोष है कि देश ने इस दिशा में कई ऐतिहासिक और निर्णायक कदम उठाए हैं। हमने पूरी तरह से अप्रासंगिक हो चुके सैकड़ों औपनिवेशिक कानूनों को रद्द किया है। आजादी के इतने दशक बाद गुलामी की मानसिकता से उबरते हुए देश ने इंडियन पीनल कोड की जगह ‘भारतीय न्याय संहिता’ को अडॉप्ट किया है। दंड की जगह न्याय ये भारतीय चिंतन का आधार है। संहिता इस मानवीय चिंतन को आगे बढ़ाती है।

प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi  )ने पिछले दिनों लाल किले से जिस ‘सेक्युलर सिविल कोड’ का जिक्र किया था, उसे आज इस कार्यक्रम में फिर दोहराया। मोदी बोले…मैंने 15 अगस्त को लाल किले से ‘सेक्युलर सिविल कोड’ की बात की। इस मुद्दे पर भले ही कोई सरकार पहली बार इतनी मुखर हुई हो, लेकिन हमारी ज्यूडिशरी दशकों से इसकी वकालत करती आई है।

राष्ट्रीय एकता के मुद्दे पर न्यायपालिका का ये स्पष्ट रुख न्यायपालिका पर देशवासियों में भरोसा और बढ़ाएगा। मुझे विश्वास है हमारी कोर्ट्स ईज ऑफ जस्टिस (न्याय में आसानी) को इसी तरह सर्वोच्च प्राथमिकता देती रहेंगी। हम जिस विकसित भारत का स्वप्न लेकर आगे बढ़ रहे हैं, उसमें हर किसी के लिए सरल, सुलभ और सहज न्याय की गारंटी हो, ये बहुत जरूरी है।

 

 

 

Jaba Upadhyay

Jaba Upadhyay is a senior journalist with experience of over 15 years. She has worked with Rajasthan Patrika Jaipur and currently works with The Pioneer, Hindi.

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