उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग (PWD ) आगरा ( Agra ) के सहायक अभियंता सुरजीत सिंह को विजिलेंस ने सवा लाख रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। सहायक अभियंता (एई) ने ठेकेदार से 28 लाख रुपये के बिल पास कराने के लिए सवा लाख रुपये घूस मांगी थी। इसमें अधिशासी अभियंता की भी हिस्सेदारी थी।
विजिलेंस ने लोक निर्माण विभाग (PWD ) आगरा के अधिशासी अभियंता गजेंद्र कुमार वार्ष्णेय को भी आरोपित बनाया है। गिरफ्तार एई शिकोहाबाद का रहने वाला है।एसपी विजिलेंस शगुन गौतम ने बताया कि लाल सिंह ठेकदार ने लोक निर्माण विभाग के चार निर्माण कार्य कराए थे। इसके 28 लाख रुपये के बिलों का भुगतान किया जाना था। एई (सिविल) सुरजीत कुमार यादव ने इन कार्यों का भौतिक सत्यापन किया था। इसके बावजूद वह बिल पास करने के लिए सवा लाख रुपये घूस मांग रहे थे। सुरजीत का कहना था कि 75 हजार रुपये वह लेंगे और 50 हजार अधिशासी अभियंता गजेंद्र कुमार वार्ष्णेय देना होगा।
कई बार अनुरोध के बाद भी जब बिल पास नहीं हुआ तो लाल सिंह ने अगस्त के प्रथम सप्ताह में विजिलेंस में शिकायत की। जांच में घूस मांगने के आरोप की पुष्टि हुई। आरोपित की गिरफ्तारी के लिए शासन से अनुमति के मिलने के बाद विजिलेंस ने एई को पकड़ने के लिए जाल बिछाया।
लोक निर्माण विभाग (PWD ) आगरा के एई ने ठेकेदार को सवा लाख रुपये घूस लेकर बुधवार शाम को अपने कार्यालय बुलाया था। शाम साढ़े पांच बजे लाल सिंह पहुंचा और एई को पैसों का लिफाफा दे दिया। लिफाफा मेज पर रखकर एई सुरजीत बेफ्रिक था। इसी बीच विजिलेंस टीम ने दबोच लिया।

ठेकेदार ने विजिलेंस को बताया एई का कहना था कि बिल पास कराने में पांच प्रतिशत उसका और तीन प्रतिशत अधिशासी अभियंता का कमीशन होता है। इससे कम पर भुगतान की कोई फाइल पास नहीं होगी। इससे पहले भी एई ने घूस लेकर 30 लाख रुपये का बिल पास किया था। तब एई ने 85 हजार अपने लिए और 60 हजार रुपये अधिशासी अभियंता के नाम पर लिए थे। अब दूसरा बिल पास करने को भी घूस मांग रहे थे।