पत्रकारिता और मीडिया रणनीति दुनिया के वरिष्ठ पत्रकार (senior journalist ) उमेश उपाध्याय (Umesh Upadhyay ) का निधन हो गया।उनकी मौत की खबर से पूरे पत्रकारिता जगत में शोक की लहर है। दिल्ली के वसंत कुंज इलाके में रविवार(1 सितंबर) को वरिष्ठ पत्रकार उमेश उपाध्याय(64) की चौथी मंजिल से गिरने के कारण मौत हो गई। जानकारी के अनुसार उमेश उपाध्याय घर पर चल रहे निर्माण कार्य के दौरान चौथी मंजिल से दूसरी मंजिल पर गिर गए।अस्पताल में डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
उन्होंने टेलीविजन और डिजिटल मीडिया में अपने काम के माध्यम से एक अमिट छाप छोड़ी। चार दशकों से अधिक समय तक उन्होंने प्रमुख मीडिया संगठनों में कई प्रमुख पदों पर काम किया। उन्हें उनकी मीडिया की गहरी समझ के लिए जाना जाता था।उमेश उपाध्याय जी उन विरले पत्रकारों में से एक रहे जो जीवन के व्यवहारिक पहलू को समझते रहे। उन्होंने अपने जीवन में कई किस्म के संघर्ष शुरुआती दौर में किए हैं।
उमेश उपाध्याय (Umesh Upadhyay ) का जन्म मथुरा में 1959 में हुआ था। उन्होंने पत्रकारिता में अपने करियर की शुरुआत 1980 में की थी और बहुत ही कम समय में उन्होंने इस क्षेत्र में अपना नाम बना लिया। वह देश के जाने माने पत्रकारों में से एक थे। उनका करियर भारतीय टेलीविजन के शुरुआती दौर में शुरू हुआ था। इस दौरान उन्होंने कई प्रमुख नेटवर्कों की समाचार कवरेज और प्रोग्रामिंग रणनीतियों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने बड़े उद्योग के पीआर में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
इस दौरान उन्होंने ‘प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया’, ‘ऑल इंडिया रेडियो’, ‘डीडी न्यूज’, ‘नेटवर्क18’ और ‘जी न्यूज’ समेत कई अन्य न्यूज नेटवर्क के साथ काम किया। डीयू और एफटीआईआई के छात्रों राहेल आध्यात्म के अंतरराष्ट्रीय आरोप और मीडिया के प्रति उनके जुनून में स्पष्ट होता है। उन्होंने कई न्यूज व टॉक शो को प्रोड्यूस किया और उनकी एंकरिंग भी की थी।
उमेश उपाध्याय (Umesh Upadhyay ) एक अनुभवी भारतीय टेलीविजन पत्रकार, लेखक और मीडिया कार्यकारी थे। उनकी पुस्तक “वेस्टर्न मीडिया नैरेटिव्स ऑन इंडिया – गांधी टू मोदी” विदेशी मीडिया के भारत विरोधी एजेंडे को उजागर करती है।
उमेश उपाध्याय (Umesh Upadhyay ) ने इस पुस्तक में पश्चिमी मीडिया के भारत के प्रति नैरेटिव जैसे गंभीर विषय पर अपनी बात रखने का साहस दिखाया था । इस विषय पर बहुत कम लिखा गया है। पुस्तक का महत्व इसलिए बढ़ जाता है कि वामपंथ के अतिरिक्त भी मीडिया समीक्षा की एक राष्ट्रीयतापरक दृष्टि हो सकती है, ये स्थापना इस पुस्तक के माध्यम से स्थापित हुई है। पुस्तक भारत में औपनिवेशिक शासन के आरंभ से लेकर वर्तमान समय तक लगभग दो सौ वर्ष के इतिहास के पश्चिमी मीडिया के पूर्वाग्रह की पड़ताल करती है, जिसकी पुष्टि यथास्थान विभिन्न घटनाओं, तथ्यों, विवरणों और बयानों से बहुत रोचक तरीके से होती चलती है।
अपने पूरे करियर के दौरान उमेश उपाध्याय (Umesh Upadhyay ) जिम्मेदार पत्रकारिता को बढ़ावा देने के प्रति समर्पण के लिए जाने जाते थे। इसके साथ ही उन्होंने पत्रकारों की अगली पीढ़ी को मार्गदर्शन देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वह भारत में पत्रकारिता में सुधार लाने के उद्देश्य से विभिन्न मीडिया शिक्षा पहल में सक्रिय रूप से शामिल थे। दो सितंबर को उमेश उपाध्याय की अंतिम यात्रा निकाली जाएगी। उनका अंतिम संस्कार निगम बोध घाट में किया जाएगा। उमेश उपाध्याय के बेटे ने इसकी जानकारी दी।
उपाध्याय के असामयिक निधन से मीडिया जगत स्तब्ध है। लगातार आ रहे श्रद्धांजलि और शोक संदेशों में उनके मित्र और पूर्व सहकर्मी उनके साथ बिताए समय को याद कर रहे हैं।
प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi )ने उमेश उपाध्याय के निधन पर दुख जताया है। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा कि डिजिटल मीडिया से लेकर टेलीविजन के क्षेत्र में बहुमूल्य योगदान देने वाले वरिष्ठ पत्रकार और लेखक उमेश उपाध्याय जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। उनका जाना पत्रकारिता जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। शोक की इस घड़ी में उनके परिजनों के प्रति मैं अपनी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं. ओम शांति!
Excited to announce my upcoming book, “Western Media Narratives on India: From Gandhi to Modi”! 📷
It’s been an absolute honor to delve into decades of research, uncovering the biases that have shaped how India is portrayed globally. From pre-Independence prophecies of the… pic.twitter.com/uBU2O8oMuV— Umesh Upadhyay (@upadhyayumesh) March 6, 2024
डिजिटल मीडिया से लेकर टेलीविजन के क्षेत्र में बहुमूल्य योगदान देने वाले वरिष्ठ पत्रकार और लेखक उमेश उपाध्याय जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। उनका जाना पत्रकारिता जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। शोक की इस घड़ी में उनके परिजनों के प्रति मैं अपनी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं। ओम…
— Narendra Modi (@narendramodi) September 1, 2024