Thursday, September 19, 2024

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Delhi :’एक देश-एक चुनाव’ को कैबिनेट की मंजूरी, शीतकालीन सत्र में पेश हो सकता है विधेयक

Cabinet clears ‘one nation, one election’ proposal ,Modi Govt accepts Kovind Panel's recommendations

‘एक देश, एक चुनाव’ (One Nation One Election)को लेकर उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल के सामने रखी गई।   ( ) की अध्यक्षता में कैबिनेट से इसे मंजूरी भी मिल गई है। कहा जा रहा है कि सरकार आगामी शीतकालीन सत्र में इसे पेश कर सकती है। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति ने लोकसभा चुनावों के एलान से पहले मार्च में यह रिपोर्ट पेश की थी। कैबिनेट के सामने रिपोर्ट पेश करना विधि मंत्रालय के 100 दिवसीय एजेंडे का हिस्सा था। इसके बाद देश में ‘एक देश, एक चुनाव’ की राह से सस्पेंस दूर हो गया है।

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ (One Nation One Election)पर कोविंद समिति की रिपोर्ट स्वीकार कर लिया है। कोविंद समिति को एक साथ चुनाव कराने के लिए व्यापक समर्थन मिला है। मंत्रिमंडल ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव को मंजूरी दी है। उन्होंने यह भी कहा कि कोविंद समिति की सिफारिशों पर पूरे भारत में विभिन्न मंचों पर चर्चा की जाएगी। बड़ी संख्या में दलों ने एक साथ चुनाव कराने का समर्थन किया है। हम अगले कुछ महीनों में आम सहमति बनाने का प्रयास करेंगे।

उच्च स्तरीय समिति ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ (One Nation One Election)पहले चरण के तौर पर लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के लिए एक साथ चुनाव कराने की सिफारिश की है। इसके 100 दिनों के भीतर स्थानीय निकाय चुनाव कराए जाने की बात कही गई है। समिति ने सिफारिशों के क्रियान्वयन पर विचार करने के लिए एक ‘कार्यान्वयन समूह’ के गठन का भी प्रस्ताव रखा है। समिति के मुताबिक, एक साथ चुनाव कराने से संसाधनों की बचत होगी। विकास और सामाजिक सामंजस्य को बढ़ावा मिलेगा। लोकतांत्रिक ढांचे की नींव मजबूत होगी। इससे ‘इंडिया, जो भारत है’ की आकांक्षाओं को साकार करने में मदद मिलेगी।

17 सितंबर को गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि सरकार इसी कार्यकाल में ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ लागू करेगी। 15 अगस्त को प्रधानमंत्री ने कहा था कि बार-बार चुनाव देश की प्रगति में बाधा पैदा कर रहे हैं।

वन नेशन वन इलेक्शन पर विचार के लिए बनाई गई पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली कमेटी ने 14 मार्च को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी। रिपोर्ट 18 हजार 626 पन्नों की है।

पैनल 2 सितंबर 2023 को बनाया गया था। यह रिपोर्ट स्टेकहोल्डर्स-एक्सपर्ट्स से चर्चा के बाद 191 दिन की रिसर्च का नतीजा है। कमेटी ने सभी विधानसभाओं का कार्यकाल 2029 तक करने का सुझाव दिया है।

समिति ने राज्य चुनाव अधिकारियों के परामर्श से चुनाव आयोग की ओर से एक समान मतदाता सूची और मतदाता पहचान पत्र तैयार करने की भी सिफारिश की थी। फिलहाल भारत का चुनाव आयोग लोकसभा और विधानसभा चुनावों को ही देखता है। नगर पालिकाओं और पंचायतों के लिए स्थानीय निकाय चुनाव राज्य चुनाव आयोगों की ओर से कराए जाते हैं। बताया गया कि समिति ने 18 संवैधानिक संशोधनों की सिफारिश की है, जिनमें से अधिकांश को राज्य विधानसभाओं से समर्थन की जरूरत नहीं होगी। हालांकि, इनके लिए कुछ संविधान संशोधन विधेयकों की जरूरत होगी, जिन्हें संसद से पारित कराना होगा।
साल 1950 में गणतंत्र होने के बाद, 1951 से लेकर 1967 के बीच हर पांच साल में लोकसभा और सभी राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ होते रहे। देश में मतदाताओं ने साल 1952, 1957, 1962 और 1967 में केंद्र और राज्यों के लिए एक साथ मतदान किया। लेकिन देश में कुछ पुराने राज्यों का पुनर्गठन और नए राज्यों के उभरने के साथ इस प्रक्रिया को साल 1968-69 में पूरी तरह से समाप्त कर दिया गया।
Vijay Upadhyay

Vijay Upadhyay is a career journalist with 23 years of experience in various English & Hindi national dailies. He has worked with UNI, DD/AIR & The Pioneer, among other national newspapers. He currently heads the United News Room, a news agency engaged in providing local news content to national newspapers and television news channels

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