पुणे( Pune ) में बहुराष्ट्रीय कंपनी अर्न्स्ट एंड यंग ( Ernst & Young ) की 26 साल की एक युवा चार्टर्ड एकाउंटेंड ( Chartered Accountant)की कथित रूप से काम के दबाव के कारण हुई मौत सोशल मीडिया पर बड़ी बहस का कारण बन गई है। इसके कारण बड़ी पेशेवर कंपनियों में कार्य के दबाव को महिमामंडित करने और कर्मचारियों के स्वास्थ्य को नजरंदाज करने की संस्कृति सवालों के घेरे में है।
केरल( Kerala ) की एना सेबेस्टियन पेरायिल ने सिर्फ चार महीने पहले महाराष्ट्र (Maharashtra ) में पुणे( Pune ) स्थित ईएनवाई ( Ernst & Young India)ऑफिस में काम शुरू किया था। आरोप है कि मैनेजर उसे काम के बोझ से लादे रहते थे। एना की मां अनिता ऑगस्टिन ने ईएनवाई के भारत प्रमुख राजीव मेमानी को पत्र लिखकर कंपनी की कार्यसंस्कृति पर गंभीर आरोप लगाए हैं। अनिता ने लिखा, एना ने नवंबर 2023 में सीए ( Chartered Accountant)की परीक्षा पास की, मार्च-2024 में ईएनवाई में काम करना शुरू किया। वह ऊर्जा और जीवन से भरपूर थी। इतनी प्रतिष्ठित कंपनी में काम करने से खुश थी। लेकिन सिर्फ चार माह बाद मेरी दुनिया उजड़ गई, जब एना की मौत की खबर मिली। सबसे दुखद यह कि उसके अंतिम संस्कार में कंपनी से कोई नहीं पहुंचा।
पत्र में अनिता ने बताया कि किस तरह एना को लगातार काम के बोझ से दबाकर रखा जाता था। उसे ज्यादा काम करने के लिए यह कहकर प्रेरित किया जाता था कि इससे तरक्की की राह खुलेगी। यह कहकर ज्यादा काम करने को महिमामंडित किया जाता था कि सभी कर्मी ऐसा करते हैं। अक्सर वह रातभर कंपनी का काम करती थी और सो भी नहीं पाती थी। अक्सर उसे ऑफिस का वक्त खत्म होने के बाद काम दिया जाता था और चंद घंटे में पूरा करने के लिए कहा जाता था। इससे उसकी सेहत बिगड़ गई, जिससे उसकी मौत हो गई।
अनिता ने लिखा कि वह और उनके पति छह जुलाई को एना के सीए ( Chartered Accountant) कन्वोकेशन में हिस्सा लेने पुणे गए। वहां एना ने छाती में दर्द की शिकायत की, तो उसे डॉक्टर के पास लेकर गए। डॉक्टर ने बताया कि सिर्फ कम सोने व बेहद कम खाने के कारण उसे समस्या हो रही है। उस दिन भी एना आराम करने के बदले यह कहकर ऑफिस गई कि बहुत काम बचा हुआ है। अगले दिन कन्वोकेशन में भी काम के दबाव के कारण देर से पहुंची।

अनिता ने लिखा, नए कर्मियों को दिन-रात, यहां तक कि रविवार को भी काम में झोंके रहने को कोई उचित नहीं ठहरा सकता। मेरी बेटी बेहद विनम्र थी, उसने कभी अपने मैनेजरों की शिकायत नहीं की, लेकिन मैं चुप नहीं रह सकती। यह पूरा मामला किसी एक व्यक्ति नहीं पूरी प्रणाली का दोष है। अवास्तविक उम्मीदें और उन्हें पूरा करने के लिए जीवन से भरपूर हमारे युवाओं की जान से खेलना हमेशा नहीं चल सकता।
Heartbreaking news from EY Pune – a young CA succumbed to the work pressure and nobody from EY even attended her funeral – this is so appalling and nasty!!! pic.twitter.com/pt8ThUKiNR
— Malavika Rao (@kaay_rao) September 17, 2024