Saturday, April 19, 2025

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Karnataka: कर्नाटक हाईकोर्ट से सिद्धारमैया को नहीं मिली राहत, मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण जमीन घोटाले में मुख्यमंत्री पर चलेगा केस

Karnataka High Court upholds Governor's sanction to prosecute CM Siddaramaiah in MUDA scam

मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण केस(MUDA case)में  (Karnataka High Court ) ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ( Siddaramaiah ) को राहत नहीं मिली है। हाईकोर्ट ने सीएम सिद्धारमैया पर केस चलने की मंजूरी दे दी है। हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि याचिका में बताए गए तथ्यों की जांच करने की जरूरत है। बता दें कि, हाईकोर्ट ने 12 सितंबर को मामले की सुनवाई को पूरा कर अपने फैसले को सुरक्षित रख लिया था। इस याचिका में सिद्धारमैया ने मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) मामले में उनके खिलाफ राज्यपाल थावरचंद गहलोत द्वारा जांच के लिए दी गई मंजूरी को चुनौती दी थी।

मंगलवार को मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण केस(MUDA case) पर हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि, राज्यपाल कानून के हिसाब से केस चला सकते हैं। न्यायमूर्ति एम नागप्रसन्ना की पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि, राज्यपाल “स्वतंत्र निर्णय” ले सकते हैं और राज्यपाल गहलोत ने “अपने दिमाग का पूरी तरह से इस्तेमाल किया है। इसलिए, जहां तक आदेश (मुख्यमंत्री पर मुकदमा चलाने का) का सवाल है, राज्यपाल के एक्शन में कोई खामी नहीं है।

कथित मुडा घोटाले में शिकायतकर्ता टीजे अब्राहम ने कहा, “भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन को बहुत बढ़ावा मिला है। मुझे यकीन है कि इस निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए न्यायाधीश ने पूरे देश में विभिन्न निर्णयों में काफी दूर तक यात्रा की है। यह एक शानदार आदेश है। हम इसके लिए तैयार थे।

इससे पहले सिद्धारमैया की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वकील अभिषेक मनु सिंघवी समेत कई वरिष्ठ वकीलों ने दलीलें पेश की थीं। जबकि राज्यपाल थावर चंद गहलोत की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता पेश हुए थे। इसके अलावा शिकायतकर्ताओं के वकील स्नेहमई कृष्णा और टीजे अब्राहम ने भी अपनी दलीलें पेश की थीं।
शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि एमयूडीए ने मैसूर की एक प्राइम लोकेशन पर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी को अवैध रूप से 14 भूखंड आवंटित किए। कर्नाटक हाईकोर्ट ने 19 अगस्त को पारित अपने अंतरिम आदेश में सिद्धारमैया को अस्थायी राहत दे दी थी। इसके साथ ही बेंगलुरू की एक विशेष अदालत को भी आगे की कार्यवाही स्थगित करने  और राज्यपाल द्वारा दी गई मंजूरी के पालन में कोई भी जल्दबाजी वाली कार्रवाई न करने के निर्देश दिए थे।

31 अगस्त को कर्नाटक के राज्यपाल के कार्यालय ने हाईकोर्ट को बताया था कि मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण घोटाले(MUDA case) में कर्नाटक के मुख्यमंत्री के सिद्धारमैया के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति “विचार-विमर्श” के बाद दी गई थी। अगस्त में कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत द्वारा मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर मुकदमा चलाने की अनुमति दिए जाने के खिलाफ कर्नाटक सरकार के मंत्रियों और कांग्रेस विधायकों ने ‘राजभवन चलो’ विरोध प्रदर्शन किया था।

Vijay Upadhyay

Vijay Upadhyay is a career journalist with 23 years of experience in various English & Hindi national dailies. He has worked with UNI, DD/AIR & The Pioneer, among other national newspapers. He currently heads the United News Room, a news agency engaged in providing local news content to national newspapers and television news channels