ग्वालियर ( Gwalior ) जिले के 12 बीघा कॉलोनी में दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है। सरकारी ठेकेदार ने पत्नी और बेटे की गोली मारकर हत्या कर दी। इसके बाद ठेकेदार ने भी खुद को शूट कर लिया। तीनों के शव घर पर मिले हैं।
बता दें कि घटना ग्वालियर ( Gwalior ) के बहोड़ापुर के बारह बीघा इलाके की है। माना जा रहा है कि पहले ठेकेदार नरेंद्र सिंह चौहान (47) ने बेटे आदित्य (22) को गोली मारी, फिर पत्नी सीमा चौहान (42) और इसके बाद खुद को गोली मारकर सुसाइड कर लिया। जांच के दौरान पत्नी सीमा की हथेली पर सुसाइड नोट भी लिखा पाया गया है। इसमें लिखा है, मेरा भाई हमारी मौत का जिम्मेदार है।
जांच करने पहुंची पुलिस के लिए यह मामला इसलिए संदिग्ध बना हुआ है क्योंकि जांच में नरेंद्री की पत्नी के हाथ में सुसाइड नोट मिला है। मृतक सीमा के हाथ में लिखा है मेरी मौत का जिम्मेदार मेरा भाई है। मेरी सरकार से अपील है कि उसे कड़ी सजा दिलाई जाए।
ग्वालियर ( Gwalior ) के 12 बीघा कॉलोनी इलाके में रहने वाले नरेंद्र चौहान नगर निगम में ठेकेदारी करते थे। साथ ही आरएसएस से भी जुड़े हुए थे। नरेंद्र अपने घर में अपनी पत्नी सीमा और बेटे आदित्य के साथ रहते थे। बताया जा रहा है कि नगर निगम के ठेकेदारी का काम भी काफी अच्छा चल रहा था। लेकिन अचानक न जाने क्या हुआ कि बुधवार शाम चार बजे उनके कमरे से परिवार के तीनों सदस्यों की लाश मिली, मामला सुसाइड का है या हत्या अभी संदिग्ध है।

सीएसपी आयुष गुप्ता के मुताबिक घटना स्थल से पुलिस को ठेकेदार, उसके बेटे और पत्नी के शव के अलावा एक 306 बोर की राइफल मिली है। तीनों को एक-एक गोली लगी है। पास ही तीन खाली खोके और एक जिंदा राउंड मिला है। पुलिस को ठेकेदार की पत्नी के हाथ पर सुसाइड नोट के अलावा एक और चिट्ठी मिली है, जिसे पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया है।
10 साल से खाना बनाने का काम कर रहे कर्मचारी संतोष का कहना है कि वह मंगलवार शाम खाना बना कर घर गया था। उसे बिना इजाजत घर के ऊपरी हिस्से में जाने की परमिशन नहीं थी, जब उसे बुलाया जाता था, वह तभी खाना बनाने के लिए ऊपरी मंजिल पर जाता था। जहां पूरा परिवार रहता था। बुधवार को भी वह अपने समय पर ठीक 10 बजे आ गया था और नीचे बैठकर इंतजार करता रहा। लेकिन जब तीन चार बजे तक किसी ने नहीं बुलाया, तब उसने नरेंद्र की बहन को फोन कर स्थिति बताई और उनसे कहा कि आप आ जाइए, उसके बाद हम गेट खोलने की कोशिश करते हैं।
नरेंद्र सिंह चौहान मूल रूप से उत्तर प्रदेश के इटावा (Etawah ) के रहने वाले थे। 15 साल पहले वह ग्वालियर आए थे। यहां कई लोगों के साथ मिलकर ठेके लिए और काम करना शुरू किया। इसके बाद अपने बेटे के नाम से आदित्य बिल्डर्स फर्म बनाई और अपने साले गुड्डू के साथ मिलकर काम करने लगे।
अभी कुछ महीने पहले ही उनके संबंध अपने साले गुड्डू से बिगड़ने लगे थे। लेन-देन को लेकर साले से विवाद था। जिसके बाद साले ने कुछ शिकायतें की थीं। इसी के बाद से नरेंद्र तनाव में चल रहे थे।