जम्मू-कश्मीर ( Jammu and Kashmir) विधानसभा चुनाव 2024 के दूसरे चरण (Second Phase ) का मतदान बुधवार शाम खत्म हो गया। दूसरे चरण में मतदान केंद्रों पर लंबी कतारें देखी गईं। दूसरे दौर में छह जिलों की कुल 26 सीटों के लिए मतदान कराया गया। बुधवार सुबह 7 बजे शुरू हुआ मतदान बिना किसी हिंसा की शांति के संपन्न हुआ। इस चरण में उतरे 239 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला ईवीएम में कैद हो गया। दूसरे दौर में श्रीनगर जिले की आठ सीटों पर मतदान हुआ। इसके बाद रियासी में छह, बडगाम में पांच, रियासी और पुंछ में तीन-तीन और गांदरबल में दो सीटों पर मतदान कराया गया।
चुनाव आयोग के रात 9 बजे तक के आंकड़ों के मुताबिक, इन सीटों पर 55% वोटिंग हुई। दूसरे चरण (Second Phase ) में रियासी जिले की श्री माता वैष्णो देवी सीट पर सबसे ज्यादा 75.29 फीसदी मतदान हुआ है। हालांकि, आंकड़ों में बदलाव संभव है।
पाकिस्तान सीमा से सटे राजौरी-पुंछ जिलों के क्षेत्रों में बुधवार को उत्सव जैसा माहौल था। हर कोई लोकतंत्र के महापर्व में आहुति डालने को आतुर था।संवेदनशील हों या अतिसंवेदनशील क्षेत्र या फिर तारबंदी के आगे बने मतदान केंद्रों में बंपर वोटिंग हुई। दोनों जिलों की नियंत्रण रेखा के पास बनाए गए 11 मतदान केंद्रों के बाहर कतारों में खड़े लोग बदलाव की कहानी बयां कर रहे थे। राजौरी और पुंछ जिलों में नियंत्रण रेखा के पास स्थित क्षेत्रों में चुनाव प्रक्रिया हमेशा से चुनौती रही है।
दूसरे चरण (Second Phase ) में राजौरी जिले में 51 मतदान केंद्र व पुंछ जिले में 66 मतदान केंद्र एलओसी पर हैं। इनमें अधिकांश केंद्र सरकारी स्कूलों में स्थापित किए गए हैं, जिनमें भूमिगत बंकरों की सुविधा है।

जम्मू कश्मीर में मुख्य मुकाबला भाजपा, कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस (गठबंधन), पीडीपी के बीच माना जा रहा है। भाजपा ने जम्मू में जहां सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। वहीं, दूसरी ओर कश्मीर में कुछ ही प्रत्याशी घोषित किए गए हैं। महबूबा मुफ्ती की पीडीपी दोनों क्षेत्रों में चुनाव लड़ रही है। इसके अलावा अन्य छोटे दलों ने भी मुकाबले को दिलचस्प बनाने की कोशिश की है।
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा- लोग बड़ी संख्या में वोट करने आ रहे हैं। यह इतिहास बन रहा है। हमें बहुत खुशी है कि पूरी घाटी और जम्मू में उत्साह के साथ मतदान हो रहा है। हर जगह लोग वोट देने के लिए निकल रहे हैं, यहां तक कि उन क्षेत्रों में भी, जहां बहिष्कार के आह्वान होते थे। मतदाताओं में उत्साह है। यह दुनिया को देखना है कि जम्मू-कश्मीर में शांतिपूर्ण, निष्पक्ष तरीके से चुनाव कैसे हो सकते हैं। विधानसभा चुनाव देखने के लिए क्षेत्र में बड़ी संख्या में राजनयिक भी मौजूद हैं।