हरियाणा विधानसभा चुनाव ( Haryana Assembly Elections ) में सभी 90 सीटों पर मतदान खत्म हो गया। राज्य में एक ही चरण में सभी 22 जिलों की 90 सीटों के लिए वोटिंग हुई। इसके साथ प्रदेश में उतरे 1031 उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में बंद हो गई। सबसे ज्यादा सात विधानसभा सीटें हिसार जिले में रहीं। वहीं सबसे कम दो-दो सीटें पंचकूला और चरखी दादरी जिले की थीं। सबसे ज्यादा 66.28% वोटिंग नूंह में हुई। सबसे कम वोटिंग 49.97 प्रतिशत गुरुग्राम में हुई। रिजल्ट 8 अक्टूबर को आएगा।
चुनाव आयोग के मुताबिक, हरियाणा विधानसभा चुनाव ( Haryana Assembly Elections ) में शाम 6 बजे तक 65.00 फीसदी लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। मतदान की सबसे तेज रफ्तार नूंह जिले में देखी गई। यहां 68.28 फीसदी लोगों ने वोट डाला। इसके अलावा मतदान की सबसे धीमी रफ्तार गुरुग्राम में रिकॉर्ड की गई। यहां महज 49.97 फीसदी लोगों ने वोट डाला। हालांकि, चुनाव आयोग के अंतिम आंकड़ों में मतदान प्रतिशत बदल सकता है। 2019 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में कुल 67.92 फीसदी मतदान हुआ।
शाम 7 बजे तक अंबाला जिले में 67.40 प्रतिशत वोटिंग हो चुकी है। सबसे ज्यादा नारायणगढ़ में 73 प्रतिशत, मुलाना में 70.7 प्रतिशत और जबकि अंबाला कैंट में 64.1 और अंबाला सिटी में 62.9 प्रतिशत वोटिंग हो चुकी है।
कुरुक्षेत्र की चारों विधानसभा क्षेत्रों में शाम छह बजे तक 66.2 फीसदी मतदान हुआ। थानेसर विधानसभा क्षेत्र में लगभग 61.5 प्रतिशत, पिहोवा विधानसभा क्षेत्र में लगभग 65.4 प्रतिशत, हॉट लाडवा विधानसभा क्षेत्र में लगभग 71.6 प्रतिशत, शाहाबाद विधानसभा क्षेत्र में लगभग 66.7 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट डाले।

भिवानी जिले के चारों विधानसभा क्षेत्रों में 66.8 प्रतिदान मतदान हुआ। भिवानी विधानसभा में 57.8 प्रतिशत, बवानीखेड़ा में 66.8, तोशाम में 67.4 तथा लोहारू विधानसभा क्षेत्र में 76.6 प्रतिशत मतदान हुआ। सुबह से ही बूथों पर बुजुर्ग व सभी आयु वर्ग के मतदाओं में मतदान को लेकर उत्साह दिखा।
हरियाणा विधानसभा चुनाव ( Haryana Assembly Elections ) में में मुख्य मुकाबला भाजपा, कांग्रेस के बीच माना जा रहा है। सत्ताधारी भाजपा ने सिरसा सीट छोड़कर सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। सिरसा में भाजपा ने हरियाणा लोक हित पार्टी के गोपाल कांडा को समर्थन दिया है। वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस भी भिवानी को छोड़कर सभी क्षेत्रों में चुनाव लड़ रही है। भिवानी में कांग्रेस ने माकपा को समर्थन दिया है जिसने ओम प्रकाश को उतारा है।
इसके अलावा अन्य दलों की बात करें इन्होंने भी मुकाबले को दिलचस्प बनाने की कोशिश की है। पिछली बार किंगमेकर बनी दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी का सांसद चंद्रशेखर आजाद की आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के साथ गठजोड़ है। वहीं, ओम प्रकाश चौटाला की इंडियन नेशनल लोक दल का मायावती की बसपा के साथ गठबंधन है। कांग्रेस के साथ बात न बनने के बाद अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी भी सभी 90 सीटों पर चुनाव मैदान में रही।