उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ( Jagdeep Dhankhar ) ने कहा, यह एक स्थापित तथ्य है क्योंकि कार्यपालिका शासन चलाने के लिए अकेले जिम्मेदार है। वह विधायिका (संसद या विधानसभाओं) के प्रति जवाबदेह है और अदालतों के माध्यम से उसके काम की न्यायिक समीक्षा हो सकती है।न्यायपालिका की ओर से कार्यकारी शासन चलाना, न्यायशास्त्र और क्षेत्राधिकारिक रूप से सांविधानिक पवित्रता के खिलाफ है।
उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ( Jagdeep Dhankhar )ने न्यायपालिका की ओर से सरकार के काम में हस्तक्षेप पर एक बार फिर सवाल उठाते हुए कहा कि न्यायपालिका या विधायिका यदि कार्यकारी शक्ति का प्रयोग करे तो यह लोकतंत्र और संविधान की प्रक्रियाओं के अनुरूप नहीं है। उन्होंने कहा, निस्संदेह, कार्यकारी शासन विशेष रूप से कार्यपालिका का काम है, जैसे कि विधायिका का कार्य विधायी और अदालतों का फैसले सुनाना है।
उपराष्ट्रपति रविवार को दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में वरिष्ठ नेता डॉ. कर्ण सिंह के सार्वजनिक जीवन में 75 वर्षों की उपलब्धियों को लेकर आयोजित एक सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे। उपराष्ट्रपति ने कहा, यह एक स्थापित तथ्य है क्योंकि कार्यपालिका शासन चलाने के लिए अकेले जिम्मेदार है। वह विधायिका (संसद या विधानसभाओं) के प्रति जवाबदेह है और अदालतों के माध्यम से उसके काम की न्यायिक समीक्षा हो सकती है। न्यायपालिका की ओर से कार्यकारी शासन चलाना, न्यायशास्त्र और क्षेत्राधिकारिक रूप से सांविधानिक पवित्रता के खिलाफ है। यह पहलू अब लोगों का ध्यान केंद्रित कर रहा है। यह महत्वपूर्ण पहलू आपके (कर्ण सिंह) स्तर पर गहन विचार का आह्वान करता है।
उन्होंने कहा कि, बौद्धिक समुदाय और अकादमिक जगत जैसा प्रभावशाली वर्ग लोकतंत्र का सबसे शक्तिशाली हथियार है। लोगों को प्रेरित और प्रोत्साहित करने के लिए आवश्यक है कि वे स्वस्थ और ज्ञानवर्धक राष्ट्रीय संवाद को उत्प्रेरित करें ताकि संविधान की आत्मा के प्रति सम्मान सुनिश्चित किया जा सके। इससे लोकतंत्र के विकास और संविधान की भावना और आत्मा के पोषण में संपूर्ण योगदान होगा।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़( Jagdeep Dhankhar )ने कहा, भारत के प्रति भीतर और बाहर के विद्वेषी शक्तियों का समागम गहरी चिंता का विषय है। इसी प्रकार देशद्रोही नारे भी हैं। ऐसे में इन विषाक्त शक्तियों को निष्प्रभावी करने और राष्ट्रीय मनोबल को उठाने के लिए समन्वित प्रयासों की आवश्यकता है।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा, कि डॉ. कर्ण सिंह ने सात दशकों में राष्ट्र के उत्थान को देखा है और इस दिशा में कई तरीकों से योगदान दिया है। वर्तमान में देश एक अभूतपूर्व आर्थिक उभार में है और विकास की ओर अग्रसर है, जो 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के लिए अच्छी स्थिति में है।