धनशोधन मामले के मामले में 872 दिन से तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र कुमार जैन ( Satyendar Jain) शुक्रवार रात तिहाड़ जेल नंबर सात से बाहर निकल गए। राउज एवेन्यू कोर्ट ने उन्हें इस मामले में जमानत दे दी है।उन्हें ईडी ने 30 मई 2022 को गिरफ्तार किया था। सत्येंद्र जैन को अदालत से जमानत मिलने की सूचना मिलते ही उनके समर्थक तिहाड़ जेल के सामने जुटने लगे थे। सभी अपने नेता के बाहर निकलने का इंतजार करते हुए ढोल नगाड़ा बजाते हुए इसपर थिरकते हुए दिखे। साथ ही वह आपस में मुंह मीठा कर रहे थे।
इस बीच अदालत का आदेश जेल प्रशासन को मिला। उसके बाद जेल प्रशासन ने कागजी कार्रवाई शुरू कर दी। करीब आठ बजे दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी, मनीष सिसोदिया और सांसद संजय सिंह एक ही कार में सवार होकर तिहाड़ जेल के गेट पर पहुंचे। अपने नेताओं को देखकर समर्थकों में जोश आ गया। समर्थकों ने वहां जमकर नारेबाजी शुरू कर दी। इससे पहले ही पश्चिम जिला पुलिस जेल के बाहर सुरक्षा के कड़े इंतजाम कर दिए थे। भारी संख्या में पुलिस बल को मौके पर तैनात किया गया था। पुलिस ने जेल के गेट पर बैरिकेडिंग कर रखी थी।
रात करीब सवा आठ बजे सत्येंद्र कुमार जैन ( Satyendar Jain) जेल से बाहर निकले। दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी, मनीष सिसोदिया और सांसद संजय सिंह ने उनका जोरदार स्वागत किया। इसी बीच सिसोदिया ने जैन को गले से लगा लिया।
शुक्रवार को दिल्ली राउज एवेन्यू कोर्ट ने सत्येंद्र कुमार जैन ( Satyendar Jain) को जमानत देते हुए कहा- अभी ट्रायल के जल्द खत्म होने के आसार नहीं हैं। कोर्ट ने सत्येंद्र को 50 हजार रुपए का निजी मुचलका भरने का भी आदेश दिया।

ईडी ने 24 अगस्त 2017 को सीबीआई की तरफ से दर्ज की गई FIR को आधार बनाकर जैन के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जांच शुरू की थी। ईडी ने आरोप लगाया था कि सत्येंद्र ने उनसे जुड़ी 4 कंपनियों के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग की।
ईडी का आरोप था कि जैन ने इन फर्जी कंपनियों के जरिए आए पैसे का इस्तेमाल 14 फरवरी 2015 से 31 मई 2017 के बीच कई लोगों के नाम पर चल संपत्तियां खरीदने में किया। इसके अलावा दिल्ली और उसके आसपास कृषि भूमि की खरीद के लिए लोन अदायगी में किया था।
जांच एजेंसी ने आरोप लगाया था कि मामले में सत्येंद्र से पूछताछ की गई थी। जिसमें वे संतोषजनक हिसाब नहीं दे सके थे। सत्येंद्र के अलावा उनकी पत्नी पूनम जैन, अजित प्रसाद जैन, सनील कुमार जैन, वैभव जैन और अंकुश जैन के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया था। इसके बाद सत्येंद्र को 30 मई 2022 को गिरफ्तार किया गया था। तब से वे तिहाड़ जेल में थे।