उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh) के गाजियाबाद (Ghaziabad ) जिला कोर्ट में आज भारी बवाल मच गया। कोर्ट में पुलिस ने वकीलों पर लाठीचार्ज कर दिया। लाठीचार्ज के दौरान कई वकील घायल हो गए। पूरा मामला जिला जज और पूर्व बार अध्यक्ष की कहासुनी से शुरू हुआ। जज और वकीलों में बहस हो गई। इसके बाद वकील भड़क गए। कोर्ट रूम में कुर्सियां फेंकीं। पुलिस ने हंगामा कर रहे वकीलों को लाठीचार्ज कर खदेड़ा। इससे गुस्साए वकीलों ने कचहरी की पुलिस चौकी में तोड़फोड़ कर आग लगा दी।
दरअसल, वकील नाहर सिंह यादव ने जज से एक व्यक्ति की जमानत अर्जी दूसरे कोर्ट में ट्रांसफर करने की मांग की थी। इसी बात को लेकर उनकी जिला जज से कहासुनी हुई। विवाद इतना बढ़ गया कि जिला जज डाइस से उतर कर नीचे आ गए।
गाजियाबाद (Ghaziabad )जिला जज और वकीलों के बीच तीखी बहस हो गई। इस बीच, जज ने फोन करके पुलिस और PAC बुला ली। वकीलों का आरोप है कि जिला जज कोर्ट रूम में उन्हें चारों तरफ से दरवाजे बंद करके पीटा गया। इसमें कई वकीलों को चोट भी आई है।
अभिषेक यादव ने बताया- मैं सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट हूं। एक केस में जिला कोर्ट में आया था। कुछ इश्यू था, वकीलों और जज साहब में। जज साहब ने गुस्से में आकर डायस पर खड़े होकर अपनी बात कही। चिल्लाना शुरू कर दिया। तभी वहां पुलिस भी आ गई।

गाजियाबाद (Ghaziabad ) के डीसीपी राजेश कुमार ने वकीलों पर लाठीचार्ज करवा दिया। मेरे साथी को जमीन पर गिरा दिया। मैं बचाने गया तो चारों तरफ से मुझ पर लाठियां मारी गईं। मेरे सिर पर, कमर पर, पैर पर लाठी मारी। उन्होंने कहा कि मैं वकीलों का लाइसेंस जब्त करा दूंगा। जेल में बंद कर दूंगा।
फिलहाल, कोर्ट में तनाव का माहौल है। कई थानों की पुलिस और पीएसी को कचहरी में लगाया गया है। बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष समेत 50 वकीलों पर दो मुकदमे दर्ज हुए हैं।
इसी बीच पश्चिमी उत्तर प्रदेश अधिवक्ता एसोसिएशन इस घटना पर नाराजगी व्यक्त की है। इसके साथ ही लाठीचार्ज के दोषी अधिकारियों और पुलिस कर्मियों के विरोध दंडात्मक कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि अगर ऐसा नहीं किया गया तो पुलिस प्रशासन के विरुद्ध प्रखर आंदोलन किया जाएगा। इसी बीच एसोसिएशन इस संबंध में एक बैठक भी बुलाई है।