जेट एयरवेज( Jet Airways)अब कभी शुरू नहीं होगी। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार 7 नवंबर को जेट एयरवेज को लिक्विडेट करने का आदेश दे दिया। लिक्विडेशन का मतलब है- किसी कंपनी की परिसंपत्तियों को जब्त करके उन्हें बेचने से मिलने वाली रकम का इस्तेमाल उसके कर्ज और देनदारियों को चुकाने में करना।
सुप्रीम कोर्ट ने बंद हो चुकी एयरलाइन जेट एयरवेज ( Jet Airways)को जालान कलरॉक कंसोर्टियम को हस्तांतरित करने के एनसीएलएटी के फैसले को खारिज कर दिया।सुप्रीम कोर्ट ने जेट एयरवेज की समाधान योजना को बरकरार रखने वाले एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ एसबीआई और अन्य ऋणदाताओं की याचिका स्वीकार कर ली।सर्वोच्च न्यायालय ने अपनी असाधारण शक्ति का प्रयोग करते हुए बंद पड़ी एयरलाइन जेट एयरवेज की परिसंपत्तियों को बेचने का आदेश दिया।
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने एनसीएलटी, मुंबई को लिक्विडेटर की नियुक्ति के लिए कदम उठाने का निर्देश दिया। कोर्ट ने इस मामले में दाखिल कई अपीलों पर यह आदेश दिया। इनमें एक अपील बैंकों की भी थी जिन्होंने जेट एयरवेज ( Jet Airways)को जालान-कालरॉक कंसोर्टियम को बेचने के एनसीएलटी के आदेश को चुनौती दी गई थी। एसबीआई की अगुवाई में बैंकों ने तर्क दिया है कि यह कंसोर्टियम एयरलाइन के अधिग्रहण के लिए शर्तों को पूरा करने में विफल रहा है और अब एयरलाइन को रिवाइव करने की स्थिति में नहीं है।
जेट एयरवेज( Jet Airways) नरेश गोयल( Naresh Goyal ) के नेतृत्व वाली एयरलाइन कभी भारत की प्रमुख एयरलाइन थी लेकिन 2019 से ही इसका परिचालन बंद है। एनसीएलएटी ने जेट का मालिकाना हक यूके की कंपनी कालरॉक कैपिटल और संयुक्त अरब अमीरात के कारोबारी मुरारी लाल जालान के कंसोर्टियम को ट्रांसफर करने को मंजूरी दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने आज कहा कि लिक्विडेशन इसके ऋणदाताओं और कर्मचारियों के सर्वोत्तम हित में होगा क्योंकि जालान-कालरॉक कंसोर्टियम मंजूरी के पांच साल बाद भी समाधान योजना को लागू करने में विफल रहा है।
