Sunday, April 20, 2025

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‘शिक्षा बंधनों से आजाद करती है’: ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय के नौवें दीक्षांत समारोह में बोलीं राज्यपाल आनंदीबेन पटेल

UP Governor said at the 9th convocation ceremony of Khwaja Moinuddin Chishti Language University

 की    ने कहा कि शिक्षित, जागरूक और सभ्य नागरिक ही समृद्ध देश की नींव रखते हैं। वे सोमवार को ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय(Khwaja Moinuddin Chishti Language University) के नौवें दीक्षांत समारोह में डिग्री और पदक पाने वाले विद्यार्थियों को संबोधित कर रहीं थीं। समारोह में केंद्रीय पेट्रो केमिकल्स इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (सीपेट) के महानिदेशक प्रो. शिशिर सिन्हा को मानद उपाधि प्रदान की गई।

समारोह में 132 मेधावियों को 149 पदक और 1430  विद्यार्थियों उपाधियां प्रदान की गईं। विवि के कुलपति प्रो. नरेंद्र बहादुर सिंह ने विश्वविद्यालय की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की। विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय और उच्च शिक्षा राज्यमंत्री रजनी तिवारी मौजूद रहे।

विद्यार्थियों को दीक्षा उपदेश देते हुए राज्यपाल ने कहा कि पुस्तकालयों में भारतीय ज्ञान परंपरा की पुरानी किताबें भरी पड़ी हैं। विद्यार्थियों को इनका अध्ययन करना चाहिए। इनका अलग-अलग भाषाओं में अनुवाद कराना चाहिए। इससे सभी लोग भारत के समृद्ध ज्ञान से परिचित हो सकेंगे।

राज्यपाल ने कहा, शिक्षा बंधनों से आजाद करती है। शिक्षक विद्यार्थियों को इस लायक बनाएं कि वे बंधन से मुक्त हो सकें। भारत शांति को मानने वाला देश है। रूस यूक्रेन युद्ध शुरू हुआ तो पूरी दुनिया में रुपये और शस्त्र देने वालों की होड़ लग गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ कहा कि हम शांति के पक्ष में हैं। हमने पीड़ितों के लिए सहायता भेजी न कि युद्ध सामग्री।

राज्यपाल ने कहा कि प्राचीन समय में विज्ञान उन्नत अवस्था में थी। उस समय विमान चलते थे। कुंभकर्ण के बारे में रावण ने फैला रखा था कि वह छह महीने सोता है। जबकि वास्तव में वह छह महीने लगातार शस्त्र तैयार करता था।

सीपेट के महानिदेशक प्रो. शिशिर सिन्हा ने मानद उपाधि दिए जाने पर ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय(Khwaja Moinuddin Chishti Language University) का आभार जताया। उन्होंने डिग्री और पदक पाने वाले विद्यार्थियों से कहा कि विज्ञान को नैतिकता के साथ मिश्रित किया जाना चाहिए। विद्यार्थियों से उन्होंने देश और समाज के लिए कुछ करने को कहा। उनके अनुसार, अगर आप कुछ नहीं कर सकते हैं तो फिर किसी पर अंगुली उठाने का अधिकार भी नहीं है।

समारोह को संबोधित करते हुए उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने दीक्षांत समारोह को विद्यार्थियों के शैक्षिक और नैतिक विकास का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि दीक्षा केवल ज्ञान प्राप्त करने की प्रक्रिया नहीं, बल्कि छात्र के समग्र व्यक्तित्व विकास और उसके नैतिक मूल्यांकन का प्रमाण है। उन्होंने भारतीय शिक्षा प्रणाली की “तमसो मा ज्योतिर्गमय” की परंपरा को रेखांकित करते हुए शिक्षा को समाज में प्रगतिशीलता और संस्कृति के संवर्धन का माध्यम बताया।

उच्च शिक्षा मंत्री ने ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय(Khwaja Moinuddin Chishti Language University) की गतिविधियों और उपलब्धियों की सराहना करते हुए “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान, संस्कृत भाषा उन्नयन कार्यशाला, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर संगोष्ठी, और “नो फ्लेम कुकिंग” जैसी रचनात्मक प्रतियोगिताओं को उल्लेखनीय बताया। उन्होंने विद्यार्थियों द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों के लिए कक्षाओं के संचालन को समाजसेवा की दिशा में महत्वपूर्ण कदम कहा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के शिक्षक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शोध कार्य और पेटेंट में योगदान दे रहे हैं, जबकि विद्यार्थी विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पुरस्कार प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने कुलपति प्रो. नरेंद्र बहादुर सिंह के कुशल नेतृत्व की सराहना करते हुए विश्वविद्यालय को उच्च शिक्षा के वैश्विक मानकों तक पहुंचाने की दिशा में उनके प्रयासों को सराहा।

समारोह में बड़ी संख्या में छात्रों को उपाधि प्रदान की गई। उच्च शिक्षा मंत्री ने उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वे न केवल अपनी शिक्षा को सार्थक करेंगे, बल्कि अपने ज्ञान और कौशल से भारत को वैश्विक नेतृत्व की ओर ले जाने में योगदान देंगे।

दीक्षांत समारोह में बीटेक के विद्यार्थी रहे सुबम सिंह को कुलाधिपति स्वर्ण पदक और बीसीए पाठ्यक्रम के अतुल यादव को कुलपति स्वर्ण पदक दिया गया। ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती मेडल बीए अरबी के छात्र रहे जबीउल्लाह को दिया गया। समारोह में कुल 1430 विद्यार्थियों को उपाधि दी गई। सभी विद्यार्थियों की डिग्रियां डिजी लॉकर पोर्टल पर भी अपलोड कर दी गईं। 149 में से 61 स्वर्ण, 45 रजत व 43 कांस्य पदक शामिल हैं। इनमे से 43 पदक छात्रों और 89 छात्राओं के हिस्से आए।

Jaba Upadhyay

Jaba Upadhyay is a senior journalist with experience of over 15 years. She has worked with Rajasthan Patrika Jaipur and currently works with The Pioneer, Hindi.