उत्तर प्रदेश के हाथरस ( Hathras ) जिले में स्थित कलवारी रोड स्थित भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के गोदाम में 145 बंदरों ( 145 monkeys ) की मौत होने का मामला सामने आया है। मृत बंदरों को परिसर में ही गड्ढा खोदवाकर दफना दिया। नौ दिन तक एफसीआई अधिकारियों ने घटना को छिपाए रखा। जानकारी होने पर बुधवार को बजरंग दल और विहिप कार्यकर्ताओं ने गोदाम पर पहुंचकर हंगामा किया। इसके बाद पुलिस व प्रशासनिक अफसर मौके पर पहुंचे और रिपोर्ट दर्ज कराकर जांच शुरू कर दी है।
बुधवार की सुबह करीब 10.30 बजे बजरंग दल व विहिप के पदाधिकारी हाथरस ( Hathras )एफसीआई गोदाम पहुंच गए और हंगामा शुरू कर दिया। बजरंग दल के विभाग सह संयोजक हर्षित गौड़ थाने पर दर्ज कराई रिपोर्ट में आरोप लगाया है कि एफसीआई कर्मचारियों की लापरवाही से 145 बंदरों ( 145 monkeys )की मौत हुई है। सूचना पर एडीएम न्यायिक शिव नारायण शर्मा, एएसपी अशोक कुमार, एसडीएम सदर नीरज शर्मा, वन विभाग की टीम मौके पर पहुंच गई। जिस स्थान से बंदर गोदाम के अंदर घुसे, उस स्थल को देखा और बंदरों को दफनाने वाले स्थल का भी निरीक्षण किया।
हाथरस ( Hathras )गोदाम के प्रबंधक नीरज शर्मा ने बताया कि 12 नवंबर को उनकी बेटी की शादी थी। इस कारण एक नवंबर से 21 नवंबर तक अवकाश पर हैं। उन्होंने अपना चार्ज क्वालिटी कंट्रोल मैनेजर बाबू लाल मीणा को दे रखा था। जिस समय घटना हुई है, उस दौरान वह छुट्टी पर थे।
इस घटना के दौरान क्वालिटी कंट्रोल मैनेजर बाबू लाल मीणा पर गोदाम का चार्ज था, लेकिन जैसे ही यह मामला सुर्खियों में आया वह 19 नवंबर को ऑनलाइन छुट्टी का आवेदन कर चले गए। बुधवार को प्रशासनिक अधिकारी पहुंचे तो उन्हें बताया कि बाबू लाल मीणा छुट्टी पर हैं। अलीगढ़ कार्यालय से जानकारी की तो पता चला कि उनका अवकाश स्वीकृत नहीं हुआ है। बाबू लाल मीणा को तत्काल बुलाया गया।