राजस्थान ( Rajasthan ) में भजनलाल सरकार ने पिछली गहलोत सरकार की एक और योजना का नाम बदल दिया है। सरकार की ओर से जारी आदेशों में अब ‘इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना’ ( ‘Indira Gandhi urban Employment guarantee scheme’) का नाम बदलकर ‘मुख्यमंत्री शहरी रोजगार गारंटी योजना’ कर दिया है। इस योजना के तहत सरकार शहरी क्षेत्र के बेरोजगारों और उनके परिवार को 100 दिन का निश्चित रोजगार उपलब्ध करवाती है।
‘इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना’ ( ‘Indira Gandhi urban Employment guarantee scheme’) योजना का शुभारंभ तत्कालीन गहलोत सरकार ने सितंबर 2022 में किया था। इस योजना के तहत ग्रामीण बेरोजगारों की तर्ज पर शहरी बेरोजगारों को 100 दिन का निश्चित रोजगार दिया जाता है। शहरी रोजगार गारंटी योजना के तहत जरूरतमंद परिवार जनाधार से जॉब कार्ड बनाकर रोजगार प्राप्त करते हैं। ये योजना केंद्र की महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) की तर्ज पर शुरू की गई थी।र ने पिछली गहलोत सरकार की एक और योजना का नाम बदल दिया है। सरकार की ओर से जारी आदेशों में अब ‘इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना’ का नाम बदलकर ‘मुख्यमंत्री शहरी रोजगार गारंटी योजना’ कर दिया है। इस योजना के तहत सरकार शहरी क्षेत्र के बेरोजगारों और उनके परिवार को 100 दिन का निश्चित रोजगार उपलब्ध करवाती है।
‘इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना’ ( ‘Indira Gandhi urban Employment guarantee scheme’) के तहत राजस्थान में ग्रामीण बेरोजगारों की तर्ज पर शहरी बेरोजगारों को 100 दिन का निश्चित रोजगार दिया जाता है। शहरी रोजगार गारंटी योजना के तहत जरूरतमंद परिवार जनाधार से जॉब कार्ड बनाकर रोजगार प्राप्त करते हैं। ये योजना केंद्र की महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) की तर्ज पर शुरू की गई थी।
सत्ता में आने के बाद भजनलाल सरकार ने 5 जनवरी 2024 को इंदिरा रसोई का नाम बदलकर अन्नपूर्णा रसोई योजना किया था। इंदिरा रसोई का नाम बदलने के साथ ही सरकार ने इसमें भोजन की मात्रा 150 ग्राम बढ़ाई थी। पहले एक व्यक्ति एक समय में दो थाली भोजन ले सकता था। अब एक व्यक्ति को एक समय में एक थाली मिलती है।
