Saturday, April 19, 2025

Delhi, INDIA, Law, News, PM Narendra Modi

Delhi :आपातकाल का समाधान भी संविधान ने ही निकाला था… सुप्रीम कोर्ट के संविधान दिवस कार्यक्रम में बोले पीएम मोदी

The solution to the emergency was also found by the Constitution… PM Modi said in the 'Constitution Day' event of the Supreme Court

  ( )  मंगलवार शाम सुप्रीम कोर्ट में संविधान दिवस( Constitution Day) के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे। उन्होंने यहां भारतीय न्यायपालिका की वार्षिक रिपोर्ट 2023-24 जारी की।

पीएम ने अपने संबोधन में कहा- हमने देश में आपातकाल देखा है। हमारे संविधान( Constitution ) ने लोकतंत्र के सामने आई इस चुनौती का सामना किया है। ये संविधान की ही ताकत है कि आज जम्मू-कश्मीर में बाबा साहेब अंबेडकर का संविधान पूरी तरह से लागू हो रहा है। आज पहली बार जम्मू-कश्मीर में संविधान दिवस मनाया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि ये भारतीय संविधान ( Constitution ) का 75वां वर्ष है। ये देश के लिए बहुत गर्व की बात है। मैं संविधान और संविधान सभा के सभी सदस्यों को नमन करता हूं। हम यह नहीं भूल सकते कि आज मुंबई में हुए आतंकी हमले की भी बरसी है।

पीएम ने कहा- जिन लोगों ने इस हमले में अपनी जान गंवाई। मैं उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। मैं देश के संकल्प को भी दोहराना चाहता हूं कि भारत की सुरक्षा को चुनौती देने वाले सभी आतंकवादी संगठनों को करारा जवाब मिलेगा।

पीएम मोदी ने आगे कहा कि हमारे संविधान निर्माता ये जानते थे कि भारत की आकांक्षाएं, भारत के सपने समय के साथ नई ऊंचाई पर पहुंचेंगे। वो जानते थे कि आजाद भारत की और भारत के नागरिकों की जरूरतें बदलेंगी, चुनौतियां बदलेंगी। इसलिए उन्होंने हमारे संविधान को महज कानून की एक किताब बनाकर नहीं छोड़ा, बल्कि इसको एक जीवंत, निरंतर प्रवाहमान धारा बनाया।राष्ट्र प्रथम की भावना संविधान को सदियों तक जीवित रखेगी।

पीएम मोदी ने कहा कि हमारा संविधान( Constitution ) देश की हर अपेक्षा और जरूरत पर खरा उतरा है। संविधान की ताकत के कारण ही आज बाबा साहेब का संविधान जम्मू-कश्मीर में पूरी तरह लागू हो पाया है। पहली बार जम्मू-कश्मीर में संविधान दिवस मनाया गया। आज भारत परिवर्तन के एक बड़े दौर से गुजर रहा है और भारत का संविधान हमें रास्ता दिखा रहा है। यह हमारे लिए एक मार्गदर्शक बन गया है। उन्होंने कहा कि भारतीयों को त्वरित न्याय मिले, इसके लिए नई न्याय संहिता लागू की गई है। दंड आधारित व्यवस्था अब न्याय आधारित व्यवस्था में बदल चुकी है।

कार्यक्रम में  सीजेआई  संजीव खन्ना ने कहा- ज्यूडिशियरी का रोल सीधे लोकतंत्र से जुड़ा है। ये संविधान ( Constitution ) के निर्धारित दिशा-निर्देशों के कारण ही संभव हो पाया है। हमारा संविधान जीवित दस्तावेज है।

उन्होंने कहा कि जज का रोल अक्सर तलवार की धार पर चलने के जैसा होता है। हर एक फैसले में बराबरी के अधिकारों-जिम्मेदारियों के संतुलन की आवश्यकता होती है। लेकिन ये ऐसा खेल होना चाहिए जिसमें किसी को किसी एक साभ और दूसरे की हानि नहीं होनी चाहिए। क्योंकि इसी के कारण अदालतों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े होते हैं।

Vijay Upadhyay

Vijay Upadhyay is a career journalist with 23 years of experience in various English & Hindi national dailies. He has worked with UNI, DD/AIR & The Pioneer, among other national newspapers. He currently heads the United News Room, a news agency engaged in providing local news content to national newspapers and television news channels