राजस्थान ( Rajasthan ) में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि नियंत्रण आयुक्तालय(ड्रग कंट्रोल डिपार्टमेंट) ने शुक्रवार को 7 फ़ार्मा कंपनियों की 9 दवाइयाें( Medicines)के कुछ बैच की बिक्री करने पर रोक लगा दी है। इनमें से 4 दवाइयां जांच में नकली पाई गईं। जबकि 5 दवाइयों के सैंपल अमानक पाए गए हैं। उनमें सॉल्ट की मात्रा सही नहीं थी। इनमें खांसी, जुकाम, एंटी एलर्जी की दवाइयां और इंजेक्शन के अलावा विटामिन डी-3, कैल्शियम, मानसिक रूप से बीमार मरीजों को दी जाने वाली गोलियां और खून पतला करने के इंजेक्शन हैं।
ड्रग कंट्रोलर अजय फाटक और राजाराम शर्मा ने आदेश जारी कर बताया- नवंबर में बाजार में अलग-अलग जगहों से दवा ( Medicines)के सैंपल लिए थे। जो जांच में अमानक पाई गई हैं। इसमें सिस्टोल रेमडीज कंपनी की टेल्मिसर्टन और एम्लोडिपिन सॉल्ट वाली सुपाटेल-ट्रियो के तीन बैच हैं। जो फेल हो गए। ये दवाइयां हाइपरटेंशन के मरीजों को दी जाती हैं।
मैसर्स एस्पर फार्मास्युटिकल्स की निमोस्लाइड पेरासिटामोल टैबलेट अमानक मिलीं।मैसर्स एडविन फार्मा एलसीमास्क-एम (लिवोसिट्राजिन, मोंटेलुकास्ट) की दवाई ( Medicines)के सैंपल भी अमानक निकले हैं।इनके अलावा मैसर्स स्कॉट-एडिल फार्मासिया लि. का खून पतला करने का हेपारिन सोडियम इंजेक्शन और मैसर्स एथिकेयर लैबोरेट्रीज का संक्रमण कंट्रोल करने वाला सल्फामेथोक्साजोल और ट्राइमेथोप्रिम का इंजेक्शन भी अमानक निकला है।