पश्चिम बंगाल ( West Bengal) के विभिन्न हिस्सों में बांग्लादेश (Bangladesh ) में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे कथित अत्याचारों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए। इस प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों ने ढाकाई जामदानी साड़ियों में आग लगा दी । कोलकाता, कांथी, काकद्वीप, संदेशकाली और पुरुलिया में हिंदुत्ववादी संगठनों की ओर से आयोजित रैलियों में सैकड़ों लोग शामिल हुए। इन प्रदर्शनों में लोगों ने हिंदू पुजारी चिन्मय कृष्ण दास की तत्काल रिहाई की भी मांग की।
कोलकाता के सॉल्ट लेक इंटरनेशनल बस टर्मिनस के पास प्रदर्शन में लोगों ने बांग्लादेश (Bangladesh )की जमदानी साड़ियों को जलाया। उन्होंने बांग्लादेश के सामान का बहिष्कार करने का आह्वान किया और चेतावनी दी कि अगर तिरंगे का अपमान और हिंदुओं पर हमले जारी रहे, तो भारत के लोग चुप नहीं बैठेंगे। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने बांग्लादेश की स्थिति को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी को सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की है।
एक प्रदर्शनकारी ने कहा, हम बांग्लादेश (Bangladesh )में हिंदुओं को लगातार निशाना बनाए जाने और भारत विरोधी नफरत फैलाने वाले बयानों की कड़ी निंदा करते हैं। हम चुप नहीं बैठेंगे। इसलिए, इन साड़ियों को जलाकर हम बांग्लादेशी उत्पादो का बहिष्कार करने की अपील कर रहे हैं। दूसरे प्रदर्शनकारी ने कहा, यह कैसा बांग्लादेश है? जो लोग 1971 के स्वतंत्रता संग्राम में लड़े थे, अब वे अपनी ऐतिहासिक धरोहर को मिटाने की कोशिश कर रहे हैं।
कांथी में आयोजित विरोधी रैली का नेतृत्व राज्य के विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ( Suvendu Adhikari) ने किया। उन्होंने कहा, बांग्लादेश (Bangladesh )की कट्टरपंथी ताकतों के खिलाफ सभी सनातनी एकजुट हैं। उन्होंने कहा, 1971 में बांग्लादेश के स्वाधीनता संग्राम में 30 हजार से अधिक भारतीयों की शहादत को अब वहां के कट्टरपंथी भूल गए हैं। आज की रैली सीमा पार के तत्वों के लिए एक चेतावनी है कि वे इस प्रकार की नफरत फैलाने वाली बयानबाजी बंद करें। अधिकारी ने कहा, अंतरराष्ट्रीय प्रोटोकॉल और संयुक्त राष्ट्र के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए नरेंद्र मोदी सरकार उचित कदम उठाएगी।