राज्यसभा ( Rajya Sabha ) में उपराष्ट्रपति और सभापति जगदीप धनखड़ ( Jagdeep Dhankhar ) के खिलाफ विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया है। विपक्षी दलों ने मंगलवार को उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश करने के लिए अनुच्छेद 67बी के तहत नोटिस दिया। ये नोटिस राज्यसभा महासचिव पीसी मोदी को सौंपा गया है।
अविश्वास प्रस्ताव के लिए 14 दिन का नोटिस जरूरी है और शीत सत्र में अब सिर्फ 10 दिन बचे हैं। कहा जा रहा है कि मौजूदा सत्र में अविश्वास प्रस्ताव सिर्फ राजनीतिक स्टंट है।
वहीं इस मामले पर केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, ‘विपक्ष ने आसन की गरिमा का अनादर किया है, चाहे वह राज्यसभा हो या लोकसभा। कांग्रेस पार्टी और उनके गठबंधन ने लगातार आसन के निर्देशों का पालन न करके गलत व्यवहार किया है। उपाध्यक्ष जगदीप धनखड़ ( Jagdeep Dhankhar ) एक साधारण पृष्ठभूमि से आते हैं। वह संसद के अंदर और बाहर हमेशा किसानों और लोगों के कल्याण की बात करते हैं। वह हमारा मार्गदर्शन करते हैं। हम उनका सम्मान करते हैं। जो नोटिस दिया गया है – मैं उन 60 सांसदों के इस फैसले की कड़ी निंदा करता हूं जिन्होंने नोटिस पर हस्ताक्षर किए हैं। एनडीए के पास बहुमत है और हम सभी को चेयरमैन पर भरोसा है। जिस तरह से वह सदन का मार्गदर्शन करते हैं, उससे हम खुश हैं।
बता दें कि, इससे पहले अगस्त में भी विपक्ष को प्रस्ताव पेश करने के लिए नेताओं के हस्ताक्षर की जरूरत थी, लेकिन उस समय वे आगे नहीं बढ़े। वहीं सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (आप), समाजवादी पार्टी (सपा) समेत विपक्षी गठबंधन के कई सदस्य इस प्रस्ताव को आगे बढ़ाने के लिए साथ हैं। हालांकि, तृणमूल कांग्रेस के रुख पर अब भी संशय बना हुआ है। जबकि, बीजू जनता दल के अध्यक्ष नवीन पटनायक ने कहा कि उनकी पार्टी राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ( Jagdeep Dhankhar ) के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के इंडिया ब्लॉक के कदम पर सोच-समझकर ही फैसला करेगी।
राज्यसभा सभापति को हटाने के लिए 50 सांसदों के हस्ताक्षर के साथ नोटिस देना होगा। इसके लिए कम से कम 14 दिन का नोटिस देना जरूरी होता है। राज्यसभा में साधारण बहुमत से प्रस्ताव पास होना चाहिए और राज्यसभा के बाद लोकसभा से भी प्रस्ताव को मंजूरी मिलनी चाहिए। संविधान की धारा 67(b)में सभापति को हटाने का अधिकार दिया गया है।राज्यसभा में कुल सदस्य 245 हैं, जिसमें एनडीए के 108 सदस्य हैं और विपक्षके 82 सदस्य हैं। वहीं AIADMK, YSRCP, BJD का रुख साफ नहीं है।