Saturday, April 19, 2025

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Afghanistan: अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में आत्मघाती हमला,तालिबान सरकार के मंत्री खलील रहमान हक्कानी समेत कई लोगों की मौत

Afghanistan's minister for refugees, Khalil Ur-Rahman Haqqani, killed in explosion at ministry's offices in Kabul

 (  ) की राजधानी काबुल में बुधवार को एक आत्मघाती हमले में तालिबान के शरणार्थी मंत्री खलील रहमान हक्कानी( Khalil Ur-Rahman Haqqani) की मौत हो गई। हमला शरणार्थी मंत्रालय में तब हुआ, जब हक्कानी प्रार्थना के लिए बाहर जा रहे थे। इसमें 4 बॉडीगार्ड्स की भी मौत हो गई।

गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने यह जानकारी दी है। अधिकारियों ने बताया कि विस्फोट मंत्रालय के अंदर हुआ और शरणार्थी मामलों के मंत्री खलील हक्कानी ( Khalil Ur-Rahman Haqqani) की मौत हो गई। हक्कानी ऐेसे शीर्षस्थ पदाधिकारी थे जिनकी अफगानिस्तान की सत्ता पर तीन साल पहले तालिबान द्वारा कब्जा किये जाने के बाद हुए बम धमाकों में मौत हुई है। धमाके की तत्काल किसी ने जिम्मेदारी नहीं ली है।

खलील रहमान हक्कानी ( Khalil Ur-Rahman Haqqani) की मौत तालिबान के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। हक्कानी इस संगठन के शीर्ष नेतृत्व का हिस्सा थे। विस्फोट के बाद मंत्रालय परिसर में अफरातफरी का माहौल बन गया। धमाके की वजह से कई लोग घायल भी हुए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक धमाके में आत्मघाती हमलावर की भी मौत हो गई और कई लोग घायल हुए हैं।

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, खलील हक्कानी के भतीजे अनस हक्कानी ने अपने चाचा के मौत की पुष्टि की है। अब तक किसी भी ग्रुप ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली। हालांकि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में आतंकी ग्रुप ISIS-K पर शक जताया गया है।

बता दें कि ISIS-K का पूरा नाम इस्लामिक स्टेट खुरासान है। यह सीरिया और इराक में सक्रिय आतंकी गुट ISIS की क्षेत्रीय शाखा है। ISIS-K का नाम उत्तरपूर्वी ईरान, दक्षिणी तुर्कमेनिस्तान और उत्तरी अफगानिस्तान में आने वाले क्षेत्र के नाम पर रखा गया है।

खलील हक्कानी ( Khalil Ur-Rahman Haqqani) को अफगानिस्तान में हक्कानी नेटवर्क का प्रमुख लीडर में से एक था। वो तालिबान के इन्टर्नल मंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी का चाचा था। अमेरिका ने खलील को वैश्विक आतंकवादी घोषित किया था। इस पर 50 लाख डॉलर (42 करोड़ रुपए) का इनाम भी रखा था।

हक्कानी नेटवर्क और अफगान तालिबान के बीच काफी अच्छे रिश्ते हैं। 2021 में अफगानिस्तान में तख्तापलट के बाद से अफगान तालिबान और हक्कानी नेटवर्क मिलकर सरकार चला रहे हैं। तालिबान सरकार के कई अहम मंत्रालय पर हक्कानी नेटवर्क के लोग काबिज हैं।

हक्कानी नेटवर्क तालिबान का एक आतंकवादी गुट है, जिसका नेटवर्क अफगानिस्तान और पाकिस्तान में फैला हुआ है। पिछले दो दशक में हक्कानी नेटवर्क ने अफगानिस्तान में कई हमले किए। 2012 में अमेरिका ने इसे आतंकी संगठन घोषित किया। संयुक्त राष्ट्र ने भी इस संगठन पर प्रतिबंध लगा रखा है। हक्कानी नेटवर्क आतंकी हमलों में सुसाइड बॉम्बर का इस्तेमाल करने के लिए जाना जाता है।

हक्कानी समूह की गिनती तालिबान के सबसे खूंखार धड़े में होती है। यह वही गुट है, जिसने अफगानिस्तान में पहली बार आत्मघाती हमलों की शुरुआत की थी। उसके बाद से इस गुट ने सैकड़ों बाद पूरे देश में आत्मघाती हमलों को अंजाम दिया। इनमें कई विदेशी दूतावास, राजनयिकों और सैन्यकर्मियों पर हुए हमले भी शामिल हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि अफगानिस्तान में हक्कानी समूह को चुनौती कौन दे सकता है। आशंका जताई जा रही है कि यह काम इस्लामिक स्टेट- खोरसान प्रांत (ISKP) का हो सकता है।

Vijay Upadhyay

Vijay Upadhyay is a career journalist with 23 years of experience in various English & Hindi national dailies. He has worked with UNI, DD/AIR & The Pioneer, among other national newspapers. He currently heads the United News Room, a news agency engaged in providing local news content to national newspapers and television news channels