Monday, April 21, 2025

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Rajya Sabha: अमित शाह का कांग्रेस पर हमला: ‘बिनाका गीतमाला इसलिए रोकी गई क्योंकि किशोर कुमार की इंदिरा गांधी से अनबन थी’

Amit Shah slams Congress 'Binaca Geetmala was stopped because Kishore Kumar had a fallout with Indira Gandhi'

  ( )  में संविधान पर चर्चा के दौरान   ( ) ने गांधी परिवार पर जमकर हमला बोला। अमित शाह ने कांग्रेस पर नागरिक अधिकारों के कत्ल के लिए संविधान संशोधन करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि रातोरात इन्होंने ये द्वीप श्रीलंका को दे दिया और संसद के पास विषय ही नहीं आया।  आज भी यह हमारा भूभाग है लेकिन हमारे पास नहीं है। आपने पार्टी को तो परिवार की जागीर समझ ली। संविधान को भी परिवार की जागीर समझ लिया है। संविधान के साथ ऐसा अन्याय दुनिया के किसी शासक ने नहीं किया होगा।

अमित शाह ( Amit Shah)ने आपातकाल को लेकर भी कांग्रेस को घेरा। उन्होंने कहा कि कई लोगों को इन्होंने जेल में डाल दिया था। जिसमें से कई लोग आज इनके साथ बैठे हैं। देश पर कोई हमला हुआ था क्या या देश में कोई आफत आ गई थी। बस इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उनके निर्वाचन को अयोग्य ठहरा दिया था। नीरज डे एक यस सर कहने की वजह से 11 साल तक देश के अटॉर्नी जनरल रहे। मैं तो छोटा था, जेल में नहीं जाना पड़ा। मेरी आयु होती तो पूरे 19 महीने जेल में बंद रहना पसंद करता।

अमित शाह ( Amit Shah)ने बताया कि, कैसे उन्हें इमरजेंसी के बारे में बता चला? अमित शाह ने कहा, मैं बिनाका गीतमाला सुनता था। ये रेडियो पर आती थी और एक दिन अचानक बंद हो गई। मैंने घर मैं झगड़ा किया कि गीतमाला क्यों नहीं आती। मेरे पड़ोस वाले चाचा ने कहा कि किशोर कुमार के साथ इंदिरा जी का झगड़ा हो गया है। इसलिए बिनाका गीतमाला में किशोर कुमार का आवाज अब नहीं सुनाई देगी। लता दीदी की आवाज में फिर से रिकॉर्डिंग हुई और तब यह कार्यक्रम शुरू हुआ। ये इमरजेंसी में हुआ था। जब लाखों लोग बिना अपराध के जेल में डाल दिए गए थे।

अमित शाह( Amit Shah) ने आगे कहा कि, संविधान दिवस मनाने पर लोग सवाल करते हैं, इसको जितनी बार स्मरण करोगे उतनी ही संविधान पर आस्था मजबूत होगी। अमित शाह ने दुष्यंत कुमार की इमरजेंसी पर लिखी पंक्तियों को ससंद में पढ़ा। अमित शाह ने कहा कि जब संविधान बन रहा था, हर आर्टिकल पर चर्चा चल रही थी। हम आजाद हो गए थे लेकिन देश कोई नया नहीं बना है। दुनिया में सबसे पुराना जीवन लेकर निकले हुए देश हैं। आगे देश कैसे चले, बस इसका एक दस्तावेज बनाना था।

अंग्रेज लिखकर गए थे इंडिया, वो भारत जानते ही नहीं थे। आजाद होने पर इस पर चर्चा हुई, सेठ गोविंद दास ने कहा कि नाम भारत होना चाहिए और जवाहरलाल नेहरू ने कहा था कि और पीछे देखने की जरूरत नहीं है, भविष्य की ओर देखने की जरूरत है और इंडिया भी रहा, भारत भी रहा। इंडिया के नजरिये से देखोगे तो भारत समझ नहीं आएगा।  इसीलिए इन्होंने अपने गठबंधन का नाम भी इंडिया ही रखा।

अमित शाह ( Amit Shah)ने कहा कि, हमारी पुरानी परंपराओं पर हमें शर्म नहीं है। हम परंपराएं बदलेंगे। इंडिया गेट पर किंग पंचम जॉर्ज की मूर्ति हटा दी और सुभाष बाबू की प्रतिमा लगा दी। हमने वीर छत्रपति शिवा जी महाराज की प्रतिमा लगा दी।  हमने राष्ट्रीय शहीद स्मारक बनाया और अमर जवान ज्योति को विलीन करने का काम किया। सेंगोल को इलाहाबाद के म्यूजियम में भेज दिया, नरेंद्र मोदीजी ने सेंगोल के विधिवत सेंगोल को संसद में स्थापित करने का काम किया।

अमित शाह ( Amit Shah)ने कांग्रेस पर नागरिक अधिकारों के कत्ल के लिए संविधान संशोधन करने का आरोप लगाते हुए कच्चातिवू द्वीप को लेकर भी कांग्रेस को घेरा। उन्होंने कहा कि रातोंरात इन्होंने ये द्वीप श्रीलंका को दे दिया और संसद के पास विषय ही नहीं आया। आज भी यह हमारा भूभाग है, लेकिन हमारे पास नहीं है। आपने पार्टी को तो परिवार की जागीर समझा ही है, संविधान को भी परिवार की जागीर समझ लिया है।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, कोई ये न समझे कि हमारा संविधान दुनिया के संविधानों की नकल है। हां, हमने हर संविधान का अभ्यास जरूर किया है, क्योंकि हमारे यहां ऋग्वेद में कहा गया है, हर कोने से हमें अच्छाई प्राप्त हो, सुविचार प्राप्त हो, और सुविचार को स्वीकारने के लिए मेरा मन खुला हो। हमने सबसे अच्छा लिया है, लेकिन हमने हमारी परंपराओं को नहीं छोड़ा है। पढ़ने का चश्मा अगर विदेशी है, तो संविधान में भारतीयता कभी दिखाई नहीं देगी।

Vijay Upadhyay

Vijay Upadhyay is a career journalist with 23 years of experience in various English & Hindi national dailies. He has worked with UNI, DD/AIR & The Pioneer, among other national newspapers. He currently heads the United News Room, a news agency engaged in providing local news content to national newspapers and television news channels