जम्मू-कश्मीर के कुलगाम ( Kulgam ) में गुरुवार तड़के सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई। सेना के जवानों ने मुठभेड़ में पांच आतंकियों को मार गिराया। वहीं, इस अभियान में सुरक्षाबल के दो जवान घायल हो गए।मारे गए आतंकियों के पास से 5 एके-47 राइफल, 20 एके मैगज़ीन, 2 ग्रेनेड, भारतीय मुद्रा के अलावा अन्य हथियार और गोला बारूद बरामद हुआ है।
मुठभेड़ में मारा गया फारूक अहमद बट उर्फ फारूक नल्ली उर्फ उबैदा चार वर्ष पहले हिजबुल का डिवीजनल कमांडर बना था। हिजबुल ने करीब दो वर्ष पहले उसे घाटी में आपरेशनल कमांडर बनाते हुए संगठन में नए आतंकियों की भर्ती का जिम्मा सौंपा था।
आतंकी फारूक नल्ली पर सात लाख रुपये का इनाम घोषित था। वह घाटी में सक्रिय सबसे पुराना आतंकी माना जाता था। वह अप्रैल 2015 में हिजबुल में सक्रिय हुआ था। आतंकी बनने से पहले वह पत्थरबाजी में भी लिप्त रहा।
जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक अधिकारी ने बताया, हिजबुल कमांडर फारूक अहमद भट उर्फ फारूक नल्ली ए++ श्रेणी का आतंकी था। वह 2015 से सक्रिय था। उनके खिलाफ रेप और छेड़छाड़ (376 आरपीसी) के अलावा अन्य आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के लिए करीब 37 पर्चे दर्ज थे। दक्षिण कश्मीर में कट्टरपंथ को बढ़ावा देने, ओजीडब्ल्यू नेटवर्क सक्रिय करने, स्थानीय आतंकी भर्ती को अंजाम देने में उसकी अहम भूमिका रही है। वह राजनीतिक लोगों को धमकी देने, हमला, पुलिसकर्मियों की हत्या, ग्रेनेड अटैक जैसी वारदात में शामिल रहा है।

अधिकारी ने बताया, मारा गया आतंकी मुश्ताक अहमद इत्तू 2020 से सक्रिय था। उसके खिलाफ 7 केस दर्ज थे। मुश्ताक को हिजबुल में नल्ली ने भर्ती कराया था। इरफान याकूब 2022 से, आदिल हजाम 2023 से और यासिर जावेद 2019 से आतंकी गतिविधियों में सक्रिय था। यह सभी कुलगाम के रहने वाले थे। शोपियां और कुलगाम जिले में हिजबुल के मॉड्यूल को संचालित कर रहे थे। वह काफी समय से सुरक्षाबलों के रडार पर थे और आखिरकार सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता हाथ लगी। अधिकारी ने बताया इनके मारे जाने के बाद स्थानीय आतंकियों की संख्या में कमी आएगी।
कमांडर 2 सेक्टर आरआर ब्रिगेडियर अनिरुद्ध चौहान ने इस सफल ऑपरेशन के लिए सेना की 34 आरआर, कुलगाम पुलिस और सीआरपीएफ को बधाई दी। उन्होंने बताया कि सेना और जम्मू कश्मीर पुलिस पिछले दो महीने से लगातार हिज़बुल के एक ऐसे ग्रुप के पीछे लगे हुए थे जो कुलगाम ( Kulgam ) और शोपियां ज़िलों में सक्रिय था।
कमांडर चौहान ने कहा, उन्हें बुधवार को जानकारी मिली कि यह ग्रुप कद्देर के रिहाइशी इलाके में मौजूद हैं। सुरक्षाबलों ने तड़के करीब 3 बजे घेराबंदी की और ऑपरेशन को अंजाम दिया। पहले स्थानीय लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया और इस ऑपरेशन को छह घंटे के भीतर समाप्त कर दिया गया। मारे गए सभी आतंकी काफी समय से सक्रिय थे और कई वारदात में शामिल थे। सैन्य अधिकारी ने बताया, इस मॉड्यूल के सफाए से हिजबुल का न केवल शोपियां और कुलगाम से खात्मा हुआ बल्कि कश्मीर में आतंकवाद कमजोर हुआ है।