महाराष्ट्र (Maharashtra ) के ठाणे(Thane ) जिले के कलवा में स्थित राजीव गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एमबीबीएस छात्राओं का कथित तौर पर यौन उत्पीड़न करने के लिए एक प्रोफेसर डॉ. शैलेश्वर नटराजन को तीन वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गयी है।
वर्ष 2014 में जब ये घटनाएं हुईं तब प्रोफेसर डॉ. शैलेश्वर नटराजन (63) कॉलेज के सर्जरी विभाग के प्रमुख थे।कई छात्राओं ने पुलिस आयुक्त को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि नटराजन डायग्नोस्टिक प्रक्रियाओं को दिखाने के बहाने उन्हें अनुचित तरीके से छू रहे थे।
छात्राओं की शिकायत के बाद ठाणे(Thane ) के कलवा थाने में नटराजन के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था।उस दौरान छात्राओं ने कॉलेज में विरोध प्रदर्शन भी किया था।सरकारी वकील लीना पेडनेकर ने बताया कि मजिस्ट्रेट मोहिनी नानावरे ने बृहस्पतिवार को नटराजन को तीन वर्ष की सजा सुनाई और 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया।
यह सजा शैक्षणिक संस्थानों के भीतर यौन उत्पीड़न को संबोधित करने में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो पीड़ितों के लिए जवाबदेही और न्याय के महत्व को रेखांकित करती है।

एक रिपोर्ट के अनुसार, डॉ शैलेश्वर नटराजन, जो एक वरिष्ठ प्रोफेसर थे , ठाणे(Thane ) जिले के कलवा में राजीव गांधी मेडिकल कॉलेज के कार्यवाहक डीन के रूप में नियुक्त किया गया है। कॉलेज छत्रपति शिवाजी महाराज अस्पताल से जुड़ा हुआ है। कई छात्रों और कर्मचारियों द्वारा यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराने के बाद 2014 में डॉ. नटराजन को निलंबित कर दिया गया था। बाद में उन्हें कलवा पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 354 (महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुंचाना) के तहत गिरफ्तार कर लिया। हालाँकि, उन्हें दो साल बाद 2016 में डिमोशन के साथ बहाल कर दिया गया था।
प्रोफेसर नटराजन के खिलाफ 20 छात्रों और 10 स्टाफ सदस्यों ने अस्पताल की यौन उत्पीड़न विरोधी समिति में शिकायत दर्ज कराई थी।गिरफ्तारी के एक महीने बाद नटराजन को जमानत दे दी गई। हालाँकि, 2016 में ठाणे (Thane )नगर निगम की एक जांच में उन्हें दोषी नहीं पाया गया जिसके बाद उन्हें बहाल कर दिया गया।