भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ( Dr.Manmohan Singh) का 92 साल की उम्र में निधन हो गया। गुरुवार रात अचानक तबीयत बिगड़ गई थी। उन्हें दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया था।डॉ. मनमोहन सिंह, दो बार देश के प्रधानमंत्री रह चुके हैं। वे लंबे समय से स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे। वह कई बार स्वास्थ्य कारणों से अस्पताल में भर्ती कराए जा चुके थे।केंद्र सरकार ने 7 दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है। साथ ही कल के सभी कार्यक्रम कैंसिल कर दिए गए हैं। डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा।
कर्नाटक के बेलगावी में चल रही कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) मीटिंग रद्द कर दी है। साथ ही 27 दिसंबर को होने वाले सभी प्रोग्राम भी रद्द कर दिए गए हैं। राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे बेलगावी से दिल्ली रवाना हो गए हैं।
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह( Dr.Manmohan Singh) की मेडिकल कंडीशन को लेकर फिलहाल कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है। डॉक्टरों की एक विशेष टीम उनकी जांच कर रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सांस लेने में तकलीफ के चलते उन्हें भर्ती कराया गया है।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा ने ट्वीट किया, “प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी के निधन के बारे में जानकर मुझे गहरा दुख हुआ है। उनके परिवार और प्रियजनों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं। हमारे राष्ट्र के प्रति आपकी सेवा के लिए धन्यवाद। देश में आपके द्वारा लाई गई आर्थिक क्रांति और प्रगतिशील बदलावों के लिए आपको हमेशा याद किया जाएगा।”

र्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह( Dr.Manmohan Singh) जन्म 26 सितम्बर 1932 को पश्चिमी पंजाब के गाह (अब पाकिस्तान) में हुआ था।पूर्व पीएम राजीव गांधी की सरकार में वह 1985 से 1987 तक भारतीय योजना आयोग के प्रमुख के पद पर भी रहे। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के साथ भी काम किया। इसके अलावा वह 1982 से 1985 तक भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर भी रहे। इस दौरान उन्होंने बैंकिंग क्षेत्र में कई सुधार किए। जिसके लिए उन्हें आज भी याद किया जाता है।
डॉ मनमोहन सिंह( Dr.Manmohan Singh) भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और जाने-माने अर्थशास्त्री थे। उन्होंने 1991 में देश के आर्थिक सुधारों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वित्त मंत्री के रूप में, उन्होंने उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण की नीतियों को लागू किया, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था को नई दिशा मिली। उन्हें उनके योगदान के लिए कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया, जिसमें पद्म विभूषण भी शामिल है। 1991 में, पीवी नरसिम्हा राव की सरकार में वित्त मंत्री के रूप में, डॉ. मनमोहन सिंह ने भारतीय अर्थव्यवस्था को नया रूप दिया। उन्होंने उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण की नीतियों को अपनाया। इन नीतियों ने देश की अर्थव्यवस्था को वैश्विक बाजार के लिए खोल दिया। इससे निजी क्षेत्र को बढ़ावा मिला और विदेशी निवेश को आकर्षित किया गया। इससे भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी से विकास हुआ।
डॉ मनमोहन सिंह( Dr.Manmohan Singh) के निधन पर पीएम मोदी ने शोक जताते हुए उनके योगदान का उल्लेख करते हुये कहा- मनमोहन सिंह ने लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के प्रयास किए। जब डॉ. मनमोहन सिंह जी प्रधानमंत्री थे और मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था तब मेरे और उनके बीच नियमित बातचीत होती थी। हम शासन से संबंधित विभिन्न विषयों पर व्यापक विचार-विमर्श करेंगे। उनकी बुद्धिमत्ता और विनम्रता सदैव झलकती रहती थी।
India mourns the loss of one of its most distinguished leaders, Dr. Manmohan Singh Ji. Rising from humble origins, he rose to become a respected economist. He served in various government positions as well, including as Finance Minister, leaving a strong imprint on our economic… pic.twitter.com/clW00Yv6oP
— Narendra Modi (@narendramodi) December 26, 2024