नए साल में जश्न में शामिल होने से मुस्लिम समाज को दूर रखने के लिए उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh) के बरेली से फतवा ( fatwa )जारी किया गया है। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने नए साल को लेकर फतवा जारी किया है। उन्होंने कहा कि मुसलमानों के लिए नया साल मनाना हराम है और गुनाह है। ये इसाइयों का धार्मिक त्योहार है, जिसे मुसलमानों को नहीं मनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि गैर-मजहबी प्रथाओं को मानना मुसलमानों के लिए सख्त नाजायज है।
चश्मे दारूल इफ्ता के हेड मुफ्ती और मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने फतवा ( fatwa )जारी किया है। जिसमें कहा गया है कि नए साल का जश्न मनाना, मुबारकबाद देना और पार्टी करना इस्लाम में नाजायज है।
फतवे ( fatwa )में कहा गया है कि नया साल जनवरी से शुरू होता है, जो ईसाइयों का नया साल है। ईसाई का मजहबी कार्यक्रम है, वो हर साल के पहले दिन ज़श्न मनाते हैं। इसमें विभिन्न कार्यक्रम का आयोजन करते हैं। ये ईसाइयों का खालिस धार्मिक कार्यक्रम है। इसलिए मुसलमानों को नए साल का जश्न मनाना जायज नहीं है। इस्लाम इस तरह के कार्यक्रमों को शख्ती के साथ रोकता है।