Sunday, April 20, 2025

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Uttar Pradesh :मुरादाबाद 1980 के दंगे में पुजारी को ज़िंदा जलाकर मार देने घटना के बाद से बंद गौरीशंकर मंदिर 44 साल बाद फिर से खोला गया,प्रतिमाएं खंडित, शिवलिंग गायब

Gaurishankar temple, closed after the priest was burnt alive in the 1980 riots in Moradabad, reopened after 44 years

Gaurishankar Temple, closed after the priest was burnt alive in the 1980 Moradabad Riots  (  के  ( ) जिले के झब्बू का नाला मोहल्ले में स्थित गौरीशंकर मंदिर का गर्भगृह 44 साल बाद सोमवार को खोल दिया गया। 1980 के दंगों के दौरान पुजारी की हत्या के बाद मंदिर को बंद कर दिया गया था। मंदिर के पुजारी के पोते ने डीएम को अर्जी देकर इसे दोबारा खुलवाने की मांग की थी।

संभल के बाद अब मुरादाबाद में 44 साल से बंद गौरीशंकर मंदिर खुलवाया है। सोमवार को प्रशासन ने खुदाई कराई तो शिवलिंग, नंदी और हनुमानजी की प्रतिमाएं मिलीं। प्रतिमाएं खंडित हैं।

बातचीत में सामने आया कि 1980 के दंगे में इस मंदिर के पुजारी की हत्या कर दी गई थी। तभी प्रतिमाओं को भीड़ ने खंडित कर दिया था। इसके बाद से मंदिर बंद कर दिया गया।

पुजारी के पोते ने 7 दिन पहले मुरादाबाद(Moradabad ) डीएम अनुज सिंह के कार्यालय में एप्लिकेशन दी थी कि मंदिर को दोबारा खोला जाना चाहिए।

मुरादाबाद(Moradabad )पुलिस-प्रशासन की टीम ने 3 दिन पहले नागफनी एरिया में झब्बू का नाला मोहल्ले में पहुंची। यहीं पर मंदिर है। स्पॉट पर देखा गया कि मंदिर के गर्भ गृह को दंगे के बाद दीवार बनाकर बंद किया गया। सोमवार को कड़ी सुरक्षा के बीच इन दीवारों को तोड़ा गया। इसके बाद मंदिर का स्वरूप दिखने लगा।

झब्बू का नाला एरिया मुस्लिम बहुल है। सुबह प्रशासनिक अधिकारी पहुंचे तो करीब 11 बजे आसपास के लोग भी जुट गए। इसके बाद मिट्‌टी खोदकर बाहर निकाली जाने लगी। दोपहर करीब 12 बजे यहां उप जिलाधिकारी सदर राम मोहन मीना, नगर निगम के सहायक अभियंता रईस अहमद, 2 थाने की फोर्स पहुंच गई। डीएम अनुज भी मंदिर पर आ गए।

करीब 1.30 बजे मंदिर की दीवार पर हनुमान की प्रतिमा दिखने लगी। जमीन पर शिवलिंग का स्थान बना हुआ है। मगर शिवलिंग गायब है। पास में नंदी बैठे हैं। दीवार पर कुछ और भी प्रतिमाएं उभरी हैं, मगर वह खंडित हैं। अब यहां प्रतिमाओं को सुरक्षित करके उनकी पूजा की व्यवस्था की जाएगी।

इस मंदिर को खोलने के लिए पिछले दिनों मुरादाबाद(Moradabad ) के लोगों ने कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन भी किया। इसके बाद DM अनुज ने मंदिर को लेकर उप जिलाधिकारी राम मोहन मीना से रिपोर्ट मांगी थी। उपजिलाधिकारी ने 27 दिसंबर को मंदिर से जुड़े लोगों से जानकारी जुटाई। पाया गया कि मोहिनी नाम की किन्नर मंदिर की सफाई करती थी। कुछ दीवार अवैध रूप से बनाए जाने की बात सामने आई। जिससे मंदिर तक आना मुश्किल हो गया।

इसके बाद ही दीवार को तुड़वा दिया गया है। अब प्रतिमाओं की सफाई का काम चल रहा है। मौके पर भारी पुलिस बल भी मौजूद है। उपजिलाधिकारी ने बताया कि ये मूर्तियां कितनी पुरानी हैं, ये अभी स्पष्ट नहीं है। लोगों की अलग-अलग राय सामने आई है। मंदिर की व्यवस्थाएं दुरुस्त कराने के बाद शासन को भी रिपोर्ट भेजी जाएगी।

सेवा राम के मुताबिक उनके परदादा भीमसेन ही मंदिर की देखभाल और पूजा पाठ भी करते थे। लेकिन 1980 के दंगे में दूसरे समुदाय के लोगों की भीड़ ने भीमसेन की हत्या कर दी। उनकी लाश भी नहीं मिली। बताया जाता है कि उन्मादी भीड़ ने पुजारी भीमसेन की हत्या करने के बाद उनकी लाश को आग में झोंक दिया था।

इस घटना के बाद भीमसेन का बाकी बचा परिवार लाइनपार इलाके में आकर बस गया था। इसके बाद से मंदिर भी बंद हो गया। धीरे-धीरे मंदिर की मूर्तियां भी गायब हो गईं। सेवाराम ने डीएम से शिकायत की है कि जब भी वो इस मंदिर को खोलने जाते हैं तो दूसरे समुदाय के लोग मंदिर के कपाट नहीं खोलने देते। कपाट खोलने पर अंजाम भुगतने की धमकी दी जाती है।

 

Vijay Upadhyay

Vijay Upadhyay is a career journalist with 23 years of experience in various English & Hindi national dailies. He has worked with UNI, DD/AIR & The Pioneer, among other national newspapers. He currently heads the United News Room, a news agency engaged in providing local news content to national newspapers and television news channels