Saturday, April 19, 2025

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Maharashtra: मशहूर कवि, फिल्म निर्माता और लेखक पद्मश्री प्रीतीश नंदी का निधन, अनुपम खेर ने लिखा ‘यारों का यार’अलविदा

Pritish Nandy

भारतीय लेखक, कवि और फिल्म निर्माता प्रीतीश नंदी अब इस दुनिया में नहीं रहे। फिल्ममेकर का 73 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनकी मृत्यु का कारण अभी तक सामने नहीं आया है। स्थित अपने घर में उन्होंने अंतिम सांस ली। अनुपम खेर ने उनके निधन की जानकारी X पर दी। उन्होंने लिखा- प्रीतीश नंदी निडर और साहसी व्यक्ति थे। उनसे उनकी गहरी दोस्ती थी और वे उनके जीवन के शुरुआती दिनों में एक मजबूत सहारा थे।

मनोरंजन जगत के एक चहेते कलाकार की मौत पर कई मशहूर हस्तियों ने शोक व्यक्त किया है। उनके करीबी दोस्त अनुपम खेर और सुहेल सेठ ने प्रीतीश नंदी ( Pritish Nandy ) के निधन पर हार्दिक संवेदना व्यक्त करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया।

अनुपम खेर ने एक्स पर लिखा, “मेरे सबसे प्रिय और करीबी दोस्तों में से एक प्रीतीश नंदी ( Pritish Nandy ) के निधन के बारे में जानकर बहुत दुखी और स्तब्ध हूं। अद्भुत कवि, लेखक, फिल्म निर्माता और एक बहादुर और अद्वितीय संपादक और पत्रकार, मुंबई में मेरे शुरुआती दिनों में वह मेरी सहायता प्रणाली और शक्ति का एक बड़ा स्रोत थे. हमने बहुत सी बातें शेयर कीं।” एक्टर ने आगे लिखा, “वो उन सबसे निडर लोगों में से एक थे जिनसे मैं मिला हूं। हमेशा जीवन से भी बड़ा। मैंने उनसे बहुत सारी चीजें सीखीं. पिछले कुछ समय से हम अक्सर नहीं मिलते थे। लेकिन एक समय था जब हम अविभाज्य थे। मैं कभी नहीं भूलूंगा जब उन्होंने मुझे फिल्मफेयर और इससे भी अहम बात The Illustated Welky के कवर पर रखकर मुझे हैरान कर दिया था। वो यारों का यार की सच्ची परिभाषा थी। मैं तुम्हें और हमारे साथ बिताए पलों को याद करूंगा मेरे दोस्त। रेस्ट इन पीस।”

प्रीतिश नंदी( Pritish Nandy ) ने साल 1993 में ‘प्रीतिश नंदी कम्युनिकेशंस’ की स्थापना की और इसके गैर-कार्यकारी अध्यक्ष और रचनात्मक सलाहकार बने रहे। कंपनी का पहला कार्यक्रम ‘द प्रीतिश नंदी शो’ नामक एक चैट शो था, जो दूरदर्शन पर प्रसारित होता था। यह भारतीय टेलीविजन पर पहला सिग्नेचर शो था, इस शो में उन्होंने कई दिग्गजों का साक्षात्कार लिया था। उन्होंने अपने करियर में कुल 24 फिल्मों का निर्माण किया।

प्रीतीश नंदी ( Pritish Nandy ) ने कई शानदार फिल्मों का निर्माण किया है। उनकी शानदार फिल्मों की बात करें तो उन्होंने ‘झंकार बीट्स’, ‘कांटे’, ‘हजारों ख्वाहिशें ऐसी’, ‘प्यार के साइड इफेक्ट्स’, ‘अग्ली और पगली’ और ‘चमेली’ जैसी शानदार फिल्मों का निर्माण किया।

प्रीतीश नंदी ( Pritish Nandy ) न केवल एक उल्लेखनीय निर्माता थे बल्कि एक पुरस्कार विजेता लेखक भी थे। दिवंगत लेखक को 1977 में भारत के राष्ट्रपति से पद्म श्री (भारत का चौथा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार) मिल। इसके अलावा 2008 में कर्मवीर पुरस्कार (सामाजिक न्याय और नागरिक कार्रवाई के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार) मिला। प्रीतीश नंदी को 2012 में हॉलीवुड में जेनेसिस अवार्ड्स में अंतर्राष्ट्रीय मानवतावादी पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। बांग्लादेश के प्रधान मंत्री ने 1971 में दिवंगत लेखक को बांग्लादेश मुक्ति युद्ध पुरस्कार से सम्मानित किया और 2006 में संयुक्त राष्ट्र विरासत पुरस्कार भी मिला।

उन्होंने अंग्रेजी में कविता की चालीस पुस्तकें लिखीं और बंगाली, उर्दू और पंजाबी के अन्य लेखकों की कविताओं का अंग्रेजी में अनुवाद किया। प्रीतिश नंदी की कविताओं की पहली पुस्तक ‘ऑफ गॉड्स एंड ऑलिव्स’ 1967 में प्रकाशित हुई थी। जुलाई 1981 में सैन फ्रांसिस्को में कवियों की ‘पांचवीं विश्व कांग्रेस’ में उन्हें विश्व कला और संस्कृति अकादमी द्वारा कवि पुरस्कार विजेता के रूप में नामित किया गया था।

Jaba Upadhyay

Jaba Upadhyay is a senior journalist with experience of over 15 years. She has worked with Rajasthan Patrika Jaipur and currently works with The Pioneer, Hindi.